दूध वाली देसी भाभी की चुदाई – Desi sex Story

दूध वाली देसी भाभी की चुदाई – Desi sex Story

Desi sex Story : नमस्कार दोस्तो, मैं आपका पुराना साथी सुनील मुंबई से आशा करता हूँ|आप ठीक होंगे और खूब मजे से जिन्दगी जी रहे होंगे|मैं दो साल से ज्यादा समय के बाद आपके सामने अपनी नयी घटना |

बिग एस्स विलेज सेक्स कहानी के रूप में लेकर आया हूँ|अन्तर्वासना पर जो नये दोस्त जुड़े हैं, उन्हें अपने बारे में बता दूँ कि मेरा पूरा नाम सुनील चड़ा है| मैं मुंबई के पास के एक गांव में रहता हूँ|

मेरी उम्र 30 साल हो गयी है लेकिन शादी अभी नहीं हुई है|मेरे घर वाले मेरी शादी के लिए कहीं जुगाड़ भिड़ाने की कोशिश कर रहे हैं|मुझे भाभी और 45 साल तक की औरत चोदना बहुत पसंद है|

क्योंकि लड़की चुदने में बहुत नखरे करती है और भाभी बहुत मजा देती है|हुआ यूं कि हमारी भैंस ने दूध देना बंद कर दिया था क्योंकि भैंस के ब्याने (भैस के बच्चा देने) का समय नजदीक आ रहा था|

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पापा ने हमारे घर से थोड़ी दूर के एक घर से 2 किलो दूध लगवा लिया था|मैं उन्हें जानता हूँ लेकिन उनसे कोई ज्यादा बोलचाल नहीं थी|बस यह पता था कि वे मेरे भाई लगते हैं|

उनके परिवार के बारे में बता दूँ कि उनके घर में 4 सदस्य हैं|भाई, भाभी और उनके दो बच्चे … जो अपने मामा के घर नागपुर में रह कर पढ़ते हैं|आजकल भाई और भाभी ही गांव में रहते हैं|

वे खेती करते हैं और 2 भैंस रखे हुए हैं|भाई की उम्र 38 साल के करीब है और भाभी32 साल की|अपनी उम्र भाभी ने ही बतायी थी|भाभी का मैं कोई नाम नहीं रखूंगा, बस भाभी नाम से ही लिखूंगा|

वे वैसे तो बहुत गोरी हैं लेकिन फिगर के मामले बहुत अच्छी नहीं हैं|उनकी चूचियां छोटी छोटी हैं| पेट थोड़ा निकला हुआ है, हां गांड मस्त है|मैं रोज शाम को दूध लेने जाता था|भाई कभी कभी ही घर पर मिलते थे तो राम राम हो जाती थी |

मैं उनसे हाल-चाल पूछ लेता था|भाभी के साथ अच्छे से बात होती थी|उनके पति घर में होते तो भाभी मुझसे बात नहीं करती थीं|मैं बस भाभी की गांड देखता रहता था, उनके चूतड़ बहुत चौड़े हैं|

भाभी जब झुक कर दूध डालतीं, तो जी करता कि इनकी गांड में लंड डाल दूँ!पर डर लगता था क्योंकि उनकी आवाज थोड़ी मोटी थी|कहीं ये कुछ बोल भी दें तो आस पास तक पता चल जाएगा कि भाभी का काम उठ रहा है|

मैं भाभी को पटाने की कोशिश करने लगा|भाभी जब भी मुझे बर्तन में दूध डाल कर पकड़ातीं तो मैं उनका हाथ दबा देता|कुछ दिन तक तो वे कुछ नहीं बोलीं|फिर उन्होंने मुझसे बात करना बंद कर दी, तो मैं समझ गया|

मैं भी चुपचाप दूध डलवा कर ले आता|फिर कुछ दिन बाद वे अपने आप ही बात करने लगीं|तो मैंने सोच लिया कि आर या पार करना है| पहला मौका मिलते ही अपनी बात कह देना चाहिए|

भाभी ने हां कही, तो ठीक … ना कही तो आगे से देखना भी ठीक नहीं|तो एक दिन जैसे ही भाभी ने मुझे दूध दिया, मैंने उनका हाथ पकड़ लिया और कहा,भाभी, आप मुझे बहुत अच्छी लगती हैं|

एक बार तो उन्होंने मेरी तरफ देखा, फिर बोलीं,हाथ छोड़ दे … तन्नै शर्म आव है … खबरदार है ज आज के बाद ऐसी हरकत कर दी त!मैं कुछ नहीं बोला और नजर नीचे करके घर आ गया|फिर मैं दूध लेने नहीं गया, पापा ही लेकर आने लगे|

लगभग दस दिन बाद पापा को बाहर जाना पड़ गया तो मुझे दूध लेने जाना पड़ गया|मैं गया|वहां भाभी ही थीं| तो मैं वहां बर्तन रखकर नीची नजर करके चुपचाप खड़ा हो गया|

जैसे ही दूध लेकर जाने लगा तो भाभी बोलीं,के बात ह … आना ही छोड़ दिया?मैं कुछ नहीं बोला|भाभी बोलीं,तू त घना बढ़िया लाग है| मने अपना नम्बर दे जा … फेर बात करूंगी टाईम लागते ही!मैं यह सुनकर खुश हो गया |

उनका नम्बर पूछ कर कॉल कर दी|फिर आगे बढ़ कर भाभी के गाल को चूम लिया|भाभी बोलीं,कती शर्म बेच खायी के …| जा तू इब!मैं फिर घर आ गया|रात को भाभी का फोन आया, भाभी बोलीं,तनै मेरे में के बढ़िया लागया|

जो तने मैं बढ़िया लागी?मैं बोला,भाभी तेरी गांड|भाभी हप्प कहकर हंसने लगीं|मैं बोला,भाभी तने बांहों में लेन का कसुता जी करे है|भाभी बोलीं,रुक जा तू … गांव का माहौल है … ज किसे न पता चल गया तो बहुत बेज्जती हो जाएगी!

मैं बोला,भाभी, बस आप किसी को बताना मत … चाहे कोई कितनी प्यारी तेरी दोस्त क्यों ना हो बस!भाभी बोलीं,डर लाग रहा है, पर तू बढ़िया भी बहुत लाग है| देखी जागी तू कल दिन में आ जाना| तेरा भाई त पानी लावगा खेत में!

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मैंने कहा,तुम फोन कर देना|भाभी बोलीं,ठीक है इब सो जा|फिर मैंने भी ‘ठीक है|’ कहकर फोन रख दिया|भाभी की गांड को सोचकर मुठ मार ली और सो गया|सुबह से भाभी के फोन का इन्तजार करने लगा|

दिन में 11 बजे के करीब फोन आया कि आजा जल्दी, थोड़ा सा टाईम है|मैंने ओके कहा और उनके घर की तरफ चल पड़ा|वहा पहुंच कर दांए बांए देखकर भाभी के घर में घुस गया|भाभी कमरे में झाड़ू लगा रही थीं|

मैं चुपके से कमरे में घुसा, तो भाभी की गांड मेरी तरफ थी|मैंने बस पीछे से भाभी को पकड़ लिया|भाभी एक बार तो डर गईं, फिर मुझे देख कर बोलीं,रूक, गेट बंद करके आती हूँ|

मेरा तो लंड फटने को था|भाभी के गेट बंद करके कमरे आते ही मैंने उन्हें बांहों में भर लिया और उनके होंठों को चूमने लगा|भाभी भी पूरा साथ दे रही थीं|मेरा तो बस जी कर रहा था कि होंठों को खा जाऊं|

मैंने उनका थोड़ा होंठ काट भी लिया|भाभी बोलीं,पागल सै के || जे मत कर!मैंने भाभी से कहा,गलती हो गई|फिर भाभी ने मेरी ओर देखा तो भाभी की आंखों में प्यार दिख रहा था|भाभी और मैं बेड पर आ गए और एक दूसरे को चूमने लगे|

मैं कपड़ों के ऊपर से ही भाभी की चूची को हल्का काट देता|फिर मैंने एक एक करके भाभी के और अपने सारे कपड़े उतार दिए|भाभी की चूचियों को बारी बारी से पीने लगा|भाभी सीई ईईई करने लगीं|

चूचियों के बाद मैं उनके होंठ चूसने लगा|भाभी की चूत पर छोटे छोटे बाल थे| चूत चाटना मुझे बहुत पसन्द है, तो मैं भाभी को चूमते चूमते नीचे हो गया|अब मेरी जीभ भाभी की चूत के पास पहुंच गई|

भाभी ने लम्बी सांस ली तो मैंने भाभी की ओर देखा|वे मेरी ओर ही देख रही थीं|शायद वे यही कह रही थीं कि रूक क्यों गए!मैंने धीरे से चूत के पास जीभ लगायी तो भाभी ने ‘सीई ईईई आआह’ की आवाज निकाली|अब मैं उनकी चूत को चाटने लगा|

कभी मैं चूत के अन्दर जीभ डाल देता तो कभी उनके दाने को चूसने लगता|अब भाभी अपनी चूत को उचकाने लगी थीं|इसका मतलब साफ था कि भाभी अब झड़ने को थीं|मैं जीभ को तेज तेज चलाने लगा|

तभी भाभी ने अचानक से अपना पानी छोड़ दिया|उनका गर्म गर्म पानी मुझे मजा देने लगा और उनके पानी से मेरा मुँह भरगया|मैंने सारा पानी पी लिया और भाभी के ऊपर आकर उनके होंठों को चूसने लगा|

वे भी अपनी चूत के पानी का स्वाद चखने लगीं|हम दोनों मस्ती में प्यार कर रहे थे|बिग एस्स वाली भाभी वापस चुदासी हो गईं|अब मेरा लंड भी पूरे उफान पर था|मैं भाभी की चूचियों को फिर से पीने लगा|

अब भाभी फिर से गर्म होने लगीं और विलेज सेक्स की कहने लगीं, तो मैं भाभी के ऊपर आ गया|मैंने अपने लंड को चूत के ऊपर लगा दिया और हल्का सा दबाव डालने लगा, जिससे मेरा लंड धीरे-धीरे अन्दर जाने लगा|

भाभी आह आह करने लगीं|उन्हें काफी दिनों बाद लंड का मजा मिल रहा था भाई जी ने शायद उन्हें चोदना छोड़ दिया था|अब मैं भाभी की चूत में लंड को अन्दर बाहर करने लगा|थोड़ी देर में मैं बेड से नीचे आ गया |

भाभी की टागें खींच कर बेड के किनारे ले आया|अब मैं भाभी की दोनों टागों को अपने कंधों पर रखकर चोदने लगा|मैं भाभी को चोदते चोदते बीच में कभी रुक जाता, तो भाभी आंखें खोल कर देखने लगतीं कि चूत की सर्विसिंग बंद क्यों हुई|

उसी वक्त मैं फिर से एक तगड़े झटके में पूरा लंड अन्दर तक घुसा देता|उस पर भाभी की आह निकल जाती और वे बोल देतीं,आह मारेगा के मने!मैं हंस देता और उनके एक चूचे को दबा कर मींज देता व साथ ही उनकी चूत की चुदाई चालू कर देता|

भाभी अपने जिस्म को थिरकाती हुई बोल उठतीं,आहहह आआआ … मजा आ रहा है और तेज कर … पूरा बाड़ दे रै … आहहह बाड़ दे आआह आईई|मैं उन्हें अब और तेजी से चोदने लगा था|

तभी भाभी ने अपनी चूत से पानी की गर्म गर्म की पिचकारी छोड़ना शुरू कर दिया|कुछ ही पलों में भाभी एकदम से निढाल हो गईं और वे शांत हो गईं|अब तो उनको मेरे हर झटके में दर्द होने लगा था|

कुछ देर बाद जब उनसे सहा नहीं गया तो वे बोलीं,बस कर … इब मारेगा कै … दर्द होन लाग रहा है!मैं बोला,बस थोड़ी देर ले ले भाभी … तू ऐसा कर भाभी कि घोड़ी बन जा बस म्हारा पाणी निकल जाण दे|

भाभी बोलीं,मने घना दर्द हो रेआ सै … पर ठीक सै … तू काण लै आपना पाणी … आह|तब भाभी घोड़ी बन गईं और उनकी चौड़ी गांड देख कर मेरा दिल बाग बाग हो उठा|उनकी इसी चौड़ी चकरी गांड का ही तो मैं दीवाना था|

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भाभी की मटकती गांड देख कर मेरा लंड और जोश में आ गया|मैंने पीछे से भाभी की चूत में लंड डाल दिया और उनकी गांड को सहला कर अपना लंड चूत की जड़ तक ठांस दिया|भाभी आह आह करने लगीं|

मैंने उनकी पीठ पर चढ़ कर अपने हाथ आगे बढ़ाए और भाभी की दोनों चूचियां पकड़ लीं|मेरे हाथों को मानो पकड़ मिल गई थी तो मैं उनकी चूत में स्पीड से धक्के देते हुए चोदने लगा|थोड़ी ही देर में मेरे लंड ने भी अपनी गर्मी उगल दी|

मेरे लंड से बहुत ज्यादा पानी निकला था|लौड़े से पानी निकलने के थोड़ी देर तक तो मैं ऐसा ही पड़ा रहा और उनकी दोनों चूचियों को हाथ से मींजता रहा|उसके बाद मैं लंड निकाल कर अलग हुआ और बेड पर लेट गया|

भाभी भी पेट के बल औंधी ही मेरे बाजू में गिर गईं|मैंने करवट लेकर भाभी का माथा चूम लिया|भाभी पास में रखी तौलिए से अपनी चूत को पौंछने लगीं|वे बोलीं,कहां त सीखा इतना कुछ?मैं बोला,नंगी फिल्मों से|

भाभी बोलीं,सच में बहुत मजा आया … तू बस ऐसा ही प्यार देता रहिये, एक किलो रोज का दूध मेरी तरफ से तेरे लिए|
मैं हँसने लगा|भाभी बोलीं,अब जा, तेरा भाई कभी भी आ जावगा|

मैंने भाई की याद आते ही झट से उठ कर अपने कपड़े पहने और भाभी के होंठ चूम कर घर की तरफ निकल गया|दोस्तो, अब तो मौका मिलते ही मैं भाभी को चोद लेता हूँ| अब तक आठ बारी चोद चुका हूँ|

भाभी की गांड मारने का बड़ा जी कर रहा है|पर वे अपनी गांड के लिए मुझसे राजी नहीं हो रही हैं|जिस दिन भाभी की गांड मार लूँगा, उसी दिन आपको भाभी की गंड चुदाई की कहानी आपको सुनाऊंगा|मेरी विलेज सेक्स कहानी कैसी लगी, बताना जरूर|

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