दोस्ती ये Jija Sali Ki Chudai की सेक्स कहानी विशाल की है और आगे की कहानी अब विशाल बता रहे है, कहानी का मजा लीजिए।
हेलो दोस्तो, मैं दिल्ली के द्वारका से हूं। मेरा नाम विशाल है। मेरी उम्र 36 साल है, और मैं एक शादी-शुदा और बच्चों वाला आदमी हूं। मेरी बीवी का नाम रौशनी है, और वो मुझसे 4 साल छोटी है।
लंड मेरा 6.5 इंच से बड़ा है, जिसको हमेशा चूत की प्यास लगी रहती है। मेरा लंड किसी भी लड़की या औरत की चुदाई की प्यास अच्छे से बुझ सकता है।
ये जीजा साली सेक्स कहानी मेरी और मेरी साली की चुदाई की है। तो चलिए मैं कहानी शुरू करता हूं।
मेरी साली का नाम रीमा है। वो 27 साल की है, और उसका तलाक हो चुका है। उसकी शादी 21 साल की उम्र में हुई थी, और उसकी शादी से उसका एक बच्चा भी था।
लेकिन 6 साल बाद उसकी अपने पति से बहुत लड़ाई झगड़े होने लगे। और आखिरकार हार कर दोनों ने तलाक लेने का फैसला किया।
मेरी साली की हाइट 5’4″ इंच है और उसका साइज 34-30-36 का है। रंग उसका गोरा है, और वो बहुत सेक्सी लगती है।
मैंने उससे कई बार फ़्लर्ट करने की कोशिश की, और उसने भी मुझे पूरी लाइन दी।
लेकिन बीवी के डर से मैं कभी आगे नहीं बढ़ पाया। लेकिन फिर एक दिन उसने खुद ही मुझे मौका दे दिया।
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हम लोग एक फंक्शन पर जा रहे थे। वहा हमारा परिवार और मेरी बीवी का परिवार सब जा रहे थे।
रात का फंक्शन था और सबने वहा खूब मस्ती की।
हम लोग 2 गाड़ियों में थे, और फंक्शन वाली जगह घर से लगभग 60-65 किलोमीटर दूर थी।
एक गाड़ी मैं चला रहा था, और मेरे साथ मेरी बीवी, बच्चा, और मम्मी-पापा थे।
दूसरी गाड़ी मेरे ससुर चला रहे थे, जिसमें सास-ससुर और रीमा थे।
फंक्शन अटेंड करने के बाद हम लोग वापस आने लगे।
मेरे ससुर की गाड़ी आगे-आगे थी, और मेरी गाड़ी उनके पीछे थी।
अभी हम आधे रास्ते ही आये थे, तभी ससुर जी ने गाड़ी रोकी। उनकी गाड़ी रुकी, तो मैंने भी अपनी गाड़ी रोक ली।
फिर वो बहार आये और पीछे मेरी गाड़ी के पास आये।
मैंने मिरर ओपन करके पूछा कि क्या हुआ तो वो बोले-
ससुर जी: रीमा अपना हीरे का हार वही बाथरूम में भूल आई है। तो मुझे वापस जाना होगा।
तभी मेरे साथ बैठे मेरे पापा बोले: भाई साहब आप कहा इतना ड्राइव करोगे, तबीयत खराब हो जाएगी आपकी थकान से।
ऐसा कीजिए हम आपकी वाली गाड़ी में बैठ जाते हैं। विशाल रीमा के साथ जाके वो नेकलेस ले आएगा।
ये सुन कर मुझे अंदर ही अंदर खुशी होने लगी।
फिर सब ने गाड़ी बदली की, और अब मेरी गाड़ी में सिर्फ मैं और रीमा ही थे।
रीमा ने उस दिन एक रेड कलर की वन-पीस ड्रेस पहनी थी।
उसके ऊपर गोल्डन कलर की चेन लटकी हुई थी।
वो इस ड्रेस में एक-दम माल लग रही थी।
उसकी ड्रेस उसके घुटनों से कम से कम 5 इंच ऊपर थी, जिसमें से उसकी गोरी-गोरी जाँघे दिख रही थी।
ऊपर से उसकी ड्रेस स्लीवलेस थी, और सिर्फ स्ट्रैप्स के सहारे टिकी हुई थी।
उसकी क्लीवेज इतनी कामुक नजर आ रही थी, कि दिल कर रहा था की पहले इसे खा जाउ फिर हार लेने जाऊ।
अब मैं गाड़ी ड्राइव कर रहा था, और मेरी नज़र बार-बार उस पर जा रही थी। तभी रीमा बोलीं-
रीमा: जीजू दीदी बहुत लक्की है।
मैं: वो कैसे।
रीमा: क्योंकि आप उनके पति हैं।
मैं: ऐसा कुछ नहीं है, वो भी तो बहुत अच्छी है।
रीमा: तो क्या मैं अच्छी नहीं हूँ?
मैं: ऐसा क्यों बोल रही हो? तुम भी बहुत अच्छी हो, इतनी ख़ूबसूरत हो।
रीमा: तो मेरे पति ने मुझे क्यों छोड़ा?
मैं: कई बार कुछ लोग गलती करते हैं, और उसका एहसास उनको बाद में होता है। अगर मैं होता तो ये गलती कभी ना करता।
रीमा: तो क्या करते फिर।
मैं: जितनी सेक्सी तुम हो, मैं तो तुम्हें सुबह-शाम प्यार करता।
रीमा: अच्छा, मैं इतनी ख़ूबसूरत हूँ?
मैं: हा, बहुत खूबसूरत हो।
रीमा: मैंने तो कभी आपको उस नज़र से नहीं देखा।
मैं: वो इसलिए कि हमारा रिश्ता ही ऐसा है, कि मैं तुम्हारी तरफ उस तरह से नहीं देख सकता।
रीमा: रिश्ता ना होता तो देखते?
मैं: हां जरूर देखता हूं।
रीमा: और क्या करते?
मैं: ये तो निर्भर करता है, अगर मैं कुछ करता तो बदनामी होती, तो कुछ नहीं करता।
रीमा: और अगर मैं किसी को कुछ ना बताती, और बस सब करती रहती तो?
उसकी इस बात ने मुझे हैरान कर दिया। मुझे समझ में आ रहा था कि वो मुझे मौका दे रही थी उसके साथ कुछ करने का।
मैं: फिर मैं तुम्हारा साथ वो सब करता है, जो एक पति अपनी पत्नी के साथ करता है।
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रीमा: तो करिये ना जीजू, मैं किसी से कुछ नहीं कहूंगी।
और ये बोल कर उसने अपना हाथ पैंट के ऊपर से मेरे लंड पर रख लिया। फिर मैंने उसका हाथ हटाया और उसको बोला-
मैं: देखो रीमा, अभी तो तुम मूड में हो, तो तुम ये बोल रही हो।
बाद में अगर तुम मुझसे कहोगी कि मैं तुम्हारे साथ कोई पब्लिक रिलेशन बनाऊंगा तो वो नहीं होने वाला।
मुझे अपनी शादीशुदा जिंदगी में कोई समस्या नहीं चाहिए।
रीमा: जीजू मैं आपकी रंडी बन कर रहूंगी। इसके अलावा मुझे और कुछ नहीं चाहिए। आप बस मेरी चूत की प्यास बुझा दीजिये। मैं कभी भी किसी को कुछ नहीं बताऊंगी।
मेरे जवाब का इंतज़ार किये बिना रीमा ने मेरी पैंट की ज़िप खोल कर लंड बाहर निकाल लिया, और उसको हिलाने लगी।
फिर वो आगे की तरफ झुकी, और उसने अपने मुँह में मेरा लंड डाल लिया।
उसने मुँह में लंड डाला ही था की मेरी आह निकल गयी।
रात का टाइम था, और सड़क पर कोई नहीं था। मैंने गाड़ी साइड पर लगा दी, और रीमा की गांड पर हाथ रख कर उसको दबाने लगे।
मैंने उसकी ड्रेस को पीछे से हटा दी, और पैंटी की साइड से अपना हाथ उसकी गांड के छेद तक ले गया।
वो जगह थोड़ी गीली थी।
मैंने एक हाथ उसके सर पर रखा, और उसको अपने लंड पर दबाने लग गया।
इसे वो खुश हो रही थी, और मुझे और मजा आ रहा था।
मैं कमर हिला-हिला कर उसको लंड चूसवा रहा था।
फिर मैंने उसको सीधा किया, और अपने गोद में खींच कर बैठा लिया।
उसने अपने टांगे मेरे दोनों तरफ फैला दी और पैंटी पर से अपनी गांड मेरे लंड पर रगड़ने लग गई।
हम दोनों अब पागलों की तरह किस करने लग गए।
फिर उसने अपनी ड्रेस अपने कंधों से नीचे की, और ब्रा भी निकाल दी।
अब मेरी साली के रसीले बूब्स मेरे सामने नंगे थे।
मैंने उसे दोनो चुचो को पकड़ा, और निपल्स को चुसने लग गया।
वो मेरे चेहरे को अपने चुचो में दबा रही थी, और कामुक आहें भर रही थी।
फिर मैंने उसकी ड्रेस और नीचे की, और मैं उसके पेट पर किस करने लग गया।
वो लगतार है अपनी गांड मेरे लंड पर रगड़े जा रही थी।
फिर वो थोड़ी ऊपर हुई, और मुझे सीट पीछे करने को बोली।
मैंने अपनी सीट पीछे की, और उसने अपनी पैंटी निकाल दी।
अब उसकी ड्रेस उसके पेट पे थी। और वो ऊपर से और नीचे से बिल्कुल नंगी थी।
अब उसकी नंगी चूत मेरे नंगे लंड पर रगड़ खा रही थी, और मेरी जाँघें और उसकी चूत आपस में रगड़ खा रही थी।
फिर उसने मेरे लंड को हाथ में पकड़ कर अपनी चूत के मुँह पर सेट किया।
जैसा ही मेरा लंड उसकी चूत के मुँह पर लगा, मैंने एक ज़ोर का धक्का देके पूरा का पूरा लंड उसकी चूत में घुसा दिया।
उसकी ज़ोर की चीख निकली, और वो मुझसे दूर जाने लगी।
लेकिन मैंने उसको अपनी बाहों में भर लिया, और लंड को अंदर पेल दिया।
फिर मैंने अपना हाथ उसकी गांड पर रख लिया, और उसको आगे-पीछे करते हुए लंड अंदर-बाहर करने लगा।
कुछ मिनट में वो कंफर्टेबल हो गई, और अपनी गांड खुद आगे पीछे करने लगी।
उसने मुझे अपनी बाहों में भर लिया, जिससे मेरा मुँह उसके चुचो में दब गया।
फ़िर वो आह आह करते हुए तेजी से अपनी गांड आगे पीछे करके अपनी चूत की चुदाई करवाने लगी।
वो आह्ह आह्ह कर रही थी, और लंड का पूरा मजा ले रही थी।
फिर मैंने उसको अपने नीचे किया, और मिशनरी पोजीशन में उसको तेजी से चोदने लगा।
मैं उसकी गर्दन, होंठ, बूब्स को चूस-चाट और काट रहा था।
मेरे धक्के तेज़ होते जा रहे थे, और वो अपने चरम पर पहुंच रही थी।
फिर मैंने अपने लंड पर उसकी चूत का गर्म-गर्म पानी महसूस किया।
उसके कुछ देर बाद मैंने अपने लंड का पानी उसकी चूत में ही निकाल दिया।
अब हम दोनो ठंडे हो गये थे। फिर 10 मिनट बाद हम दोनो उठे, और नेकलेस लेने चल पड़े।
दोस्तों आज की हमारी जीजा साली सेक्स स्टोरी (Jija Sali Sex Story) में यही तक आगे की पढ़ने के लिए आपको कहानी के अगले भाग का इंतजार करना होगा।
दोस्तों ये थी मेरी और मेरी साली की सेक्स स्टोरी, पसंद आई हो तो कमेंट जरूर करे। धन्यवाद।