पीलिया में भी डॉक्टर ने मुझे पेल दिया – Free Sex Kahani

मैं दीक्षा हूँ, मेरा फिगर 34-30-38 जैसा है जैसे आप सब जानते हैं।

मैंने कैसे अपने बॉस को चुदाकर कंपनी की MD बन गई, ये तो आपको पहले ही पता चल गया होगा।

उसके बाद भी मेरे चुदाने का सिलसिला जारी रहा, जो मैंने पहले आपको बताया था।

दो हफ़्ते पहले मुझे पीलिया हुआ था जिसके कारण मुझे अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। मेरे लिए एक प्राइवेट रूम लिया गया था।

दिन भर तो परिवार के कोई न कोई साथ रहता था, लेकिन रात में वहाँ किसी को रुकाने की अनुमति नहीं थी, इसलिए मुझे अकेले ही रहना पड़ता था।

पीलिया के कारण शरीर पूरी पीला हो जाता है इसीलिए मुझे इनर कपड़े पहनने भी मना था और सिर्फ अस्पताल का हाफ गाउन ही पहनती थी।

अंदर ब्रा नहीं होने की वजह से मेरे 34 के स्तन बिलकुल खड़े दिखाई देते थे,

जिसे देखकर हर वार्डबॉय का लंड खड़ा हो जाता था क्योंकि मैं ऊपर के दो बटन खुले ही रखती थी।

लेकिन जब मैं सुबह उठती थी तो मेरे सारे बटन खुले होते थे, जिससे मेरे पूरे स्तन बाहर झलक रहे होते थे।

तीन दिन मुझे रिकवरी होने में लगे।

हर रात डॉक्टर मदन की ड्यूटी होती थी जो मुझे चेक करते थे।

नर्स मुझें इंजेक्शन देकर पहले ही सोने के लिए मजबूर कर देती थी ताकि जब डॉक्टर आते तो मैं सो रही हो।

तीसरे दिन मैं बहुत बेहतर थी, इसलिए नर्स ने मुझे इंजेक्शन नहीं दिया।

फिर रात में दो बजे के समय डॉक्टर मदन चेकअप के लिए आए जब मैं आँखें बंद करके सो रही थी।

उन्होंने मेरा चेकअप अच्छे से किया, फिर उन्होंने बेड के साइड का पर्दा बंद कर दिया। मुझे कुछ गड़बड़ लगी।

तो मैंने सोने का नाटक किया, तभी डॉक्टर ने मेरे फ्रंट के सारे बटन खोल दिए।

तब मुझे पता चला कि यह हरकत डॉक्टर की थी जो सुबह मेरे सारे बटन खुले होते थे।

डॉक्टर को अभी भी लग रहा था कि मैं सो रही हूँ।

वो कहने लगे, “उffff इतनी हॉट पेशेंट मुझे आज तक नहीं मिली।

वाह! क्या स्तन हैं। मन करता है बस इन्हें मसलता रहूं।

क्या बॉडी है। लंड खड़ा कर देती है, साली यहाँ से जाने के बाद रोज मुठ मारना पड़ता है।

इतने भरे हुए स्तन हैं। आह! चुस चुस करके सारा जूस पीने का मन करता है।”

मैं डॉक्टर की बातें सुनकर पूरी तरह से गरम हो गई थी मेरी सांसें तेज होने लगीं।

तभी डॉक्टर ने अपने एक हाथ से मेरा गाउन ऊपर कर दिया, जिससे मेरी चुत उनके सामने आ गई।

“आह! दो दिन से सिर्फ तुम्हारे स्तनों के मज़े लिए हैं आज इसके भी मज़ा लूंगा।”

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यह कहते हुए डॉक्टर ने अपना हाथ मेरी चुत पर घुमाना शुरू कर दिया।

उमम्म… मुझसे कंट्रोल करना मुश्किल हो रहा था, तो मैं सीधे होकर सो गई और दोनों पैरों को ऊपर फोल्ड कर लिया।

अब मेरी चुत सामने से पूरी तरह खुली थी।

“आह! क्या मस्त ताज़ा चुत है!” यह कहते हुए डॉक्टर ने अपना मुंह मेरी चुत पर लगा दिया और उसे चुसना शुरू कर दिया।

उमम्म… एसएसएसएस आह! अब मैं आउट ऑफ कंट्रोल थी, मैंने डॉक्टर के सिर को अपने हाथों से चुत में दबा दिया।

डॉक्टर घबराकर सीधे खड़े हो गए। “तुम जाग रही हो?”

मैंने कहा, “सॉरी, मैं वो बस!!!”

डॉक्टर डर के मारे साफ़ करने लगे। मैं उठकर बैठ गई और डॉक्टर को पकड़ कर बिस्तर पर खींच लिया और उसका मुंह फिर से अपनी चुत पर लगा दिया।

“उमम्म… डॉक्टर, प्लीज सक्क इट हार्ड यीस! ऐसे ही डॉक्टर, प्लीज उमम्म उमम्म एसएसएसएस…”

अब डॉक्टर की हिम्मत बढ़ गई थी। उसने अपनी दो उंगलियां चुत में डालकर मेरा पानी पीना शुरू कर दिया।

उमम्म… एसएसएसएस! मैंने अपने बड़े-बड़े स्तनों को दबाने लगी एसएसएस… सुंम्म आह! यीस! डॉक्टर आह! और मैं झड़ गई।

डॉक्टर उठकर मेरे पास आए, “ओह! डार्लिंग! दो दिन से तुमने मुझे पागल बनाया है आज खूब मज़ा लूंगा तुम्हारी जवानी का”

और उन्होंने मुझे किस करना शुरू कर दिया।

हम दोनों बहुत मजे से चुंबन करते रहे।

डॉक्टर ने कहा, “आज थोड़ा जल्दी मैं हूँ आजा जल्दी से तुम्हारी जवानी का मज़ा ले लूं।”

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उन्होंने अपना लंड बाहर निकाला और मेरे मुंह में दे दिया।

मैंने लंड को मुंह भर के गोल-गोल घुमाते हुए चुसा, “अम्म… ओह! यीस! डार्लिंग! ओह! गॉड डेम यीस! ऐसे ही चुस उफ़्फ्फ्फ आह!”

उनका लंड बिलकुल टाइट लोहे जैसा कड़ा हो गया था।

उन्होंने मुझे नीचे सुलाया और मेरे पैरों के मोड़ दिए और एक ही झटके में पूरा-पूरा लंड थुक लगाकर मेरी चुत में घुसा दिया।

आहाहा! उमम्म… एसएसएसएस! मेरी चीख निकल गई और मैं बिस्तर से पूरी तरह उछल गई।

अब डॉक्टर रुकने का नाम ही नहीं ले रहा था, उसने मेरी चुड़ाई शुरू कर दी।

“आह! यीस! उफ़्फ्फ डॉक्टर येह! आह! प्लीज फ*क मी लाइक दिस आह! ओह्ह्ह आह!”

“यस! बेबी, उफ़्फ्फ तेरे जस्म की आग में बुझाऊंगा मेरी रानी।

आज दो दिन तुमने मुझे बहुत तड़पाया है। अहाह! यस! बेबी उचाल ऐसी चुत घुमा-घुमा के उफ़्फ्फ्फ आह!”

मेरे दोनों बून्स डॉक्टर ने मसल-मसल कर लाल कर दिए थे अब वो मेरे स्तनों को दांतों के बीच दबाकर मेरी चुड़ाई कर रहे थे।

“आह! आह! यीस! अहाहाह! मैं सातवें आसमान में थी।

आज से पहले अस्पताल में मुझे इतना अच्छा कभी नहीं लगा था। मैं ने आँखें बंद करके उछल-उछलकर चुदाई का पूरा मज़ा ले रही थी।”

हमारी सांसें बहुत जोर से चल रही थीं, डॉक्टर तो पागल हो गया मेरी चुड़ाई करते हुए।

मैं पूरी तरह से मदहोश हो गई थी।

हमारी आवाजें सुनाई दे रही थीं, पूरे कमरे में उफ़्फ्फ्फ… अहा! फ*क मी यहाँहहा! अहाहा ओह्ह्ह यीस! यस! आह!”

मैं दो बार झड़ चुकी थी लेकिन डॉक्टर रुकने का नाम ही नहीं ले रहा था।

अब मैंने उसे नीचे बिस्तर पर धकेल दिया और उसके लंड पर चढ़कर उछलना शुरू कर दिया।

“उफ़्फ्फ्फ! तुम तो बहुत ही चुदक्कड निकली अहाह! तेरी जैसी माल को तो मैं सारी रात छोदता रहूंगा। उफ़्फ्फ्फ! अहाहाह! उचाल आह!”

मैं उसके लंड को मसलते हुए उछल रही थी,

अब डॉक्टर ने भी नीचे से झटके मारना शुरू कर दिया था वो भी झड़ने वाला था।

“ओह्ह्ह! आह! उमम्म रैंड! आह!” और हम दोनों झड़ गए।

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एक दूसरे को चाट के साफ़ किया और जब तक मैं अस्पताल में रही, हमने खूब चुदाई की हर रात अलग-अलग पोजीशन में।

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