Antarvasna: नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम रोहन है|मैं एक शादीशुदा लड़का हूँ| मैं दुर्ग छत्तीसगढ़ का रहने वाला हूँ|मेरी हाइट पाँच फुट आठ इंच है और मेरे लंड का साइज़ छह इंच है|मैं देखने में गुड लुकिंग हूँ और ज्यादा मस्ती वाला मिज़ाज़ का हूँ|
वैसे तो मुझे तरह तरह की लड़कियां और भाभी पसंद हैं|खास कर बड़े मम्मे और बड़ी गांड वाली भाभियां और लड़कियां ज्यादा पसंद आती हैं|मैं अन्तर्वासना का एक नियमित पाठक हूँ|अन्तर्वासना पर यह मेरी पहली सेक्स कहानी है|
आज मैं अपने साथ हुई एक घटना आपके साथ साझा करना चाहता हूँ|मैं आशा करता हूँ कि आपको मेरी सेक्स लड़की नाईट सेक्स कहानी पसंद आएगी|तब मेरी शादी नहीं हुई थी और पढ़ाई खत्म हुए 3 महीने हो चुके थे
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गर्मी की छुट्टियों की बात है|उन दिनों हम लोग रात को छत पर सोने जाया करते थे|हमारे वाले अपार्टमेंट में एक लड़की रहती थी|उसका नाम दीप्ति था|दीप्ति का फिगर 32-28-34 का था| उसे देख कर लगता था |
कि बनाने वाले ने बड़ी ही फुरसत से उसे बनाया हो|क्या मस्त पीस थी यार … देखने में थोड़ी सांवली जरूर थी मगर बहुत सुंदर दिखती थी|उसके बूब्स बहुत ही जानलेवा थे|मैं तो उसके दूध देखते ही गदगद हो जाता था|
उसकी हरकतों से लगता था कि साली चूत में बहुत गर्मी भरी थी|वह भी अपने परिवार के साथ छत पर सोने आया करती थी|दीप्ति हमारे बाजू वाले फ्लैट में किराये पर रहने आई थी|वे लोग नए नए आए थे|
तो हम लोग उनसे ज्यादा बात नहीं करते थे|कुछ दिन तक मैंने उसे देखा तो वह भी मेरी तरफ देखने लगी थी|कुछ दिन तक यूं हम दोनों एक दूसरे को बस देख कर हल्की सी स्माईल देकर घूम जाते थे|वह देखने में तो सीधी सादी लग रही थी |
पर ऐसे किसी को कैसे समझा जा सकता था|कुछ ही दिनों में कुछ ऐसा हुआ कि मैं उससे बात करने के लिए तड़पने लगा था|मैंने बहुत हिम्मत जुटा कर जैसे तैसे उससे बात करने की कोशिश की|
वह भी सहज भाव से मुझसे बात करने लगी|अब धीरे धीरे हम लोगों की दोस्ती हो गई और बातचीत भी होने लगी|हम दोनों अब जब भी छत पर एक दूसरे को देखते तो थोड़ा मस्ती मजाक भी कर लिया करते थे|
जैसा कि मैंने बताया कि यह गर्मी के दिनों की बात है| उन दिनों हम लोग छत पर सोने जाया करते थे|हमारी बिल्डिंग के कई सारे लोग सोने के लिए छत पर आ जाते थे|उसमें दीप्ति ,उसके माता पिता |
उसका छोटा भाई भी सब लोग सोने के लिए छत पर आ जाया करते थे|हम दोनों में पहले से ही बोलने का व्यवहार था, तो हम लोग सोने से पहले थोड़ी बहुत बात कर लिया करते थे|थोड़ी मस्ती मजाक भी कर लिया करते थे और सो जाते थे|
धीरे धीरे हम लोग और करीब आने लगे थे|वह भी मेरे साथ बात करने का कोई ना कोई बहाना ढूंढ़ती रहती थी और मैं भी उससे बात करने का कोई न कोई बहाना ढूंढता रहता था|हम दोनों जहां पर सोते थे|
वह जगह पानी की टंकी की आड़ में थी|मेरे बाजू में हीदीप्ति का बिस्तर लगता था|हम दोनों सोने से पहले मोबाइल में लूडो खेलते थे|खेल मेंदीप्ति , उसका छोटा भाई और मैं … हम तीनों खेलते थे|
खेलने के दौरान मैं किसी ना किसी बहाने से उसे छूने की कोशिश करता रहता था|वह भी समझती थी, तो मेरे स्पर्श का मजा लेती थी|एक दिन उसका छोटा भाई अपनी छुट्टियां बिताने के लिए अपने मामा के घर गया था|
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उसके मामा का घर गांव में था|उसी वजह से आज मैं औरदीप्ति अकेले थे|रोज की तरह हम दोनों ने लूडो खेलना चालू किया|आपको तो पता ही है कि मुझे जो चाहिए था, वह मुझे मिलने वाला था|
अन्दर ही अन्दर मेरे मन में लड्डू फूटने लगे थे|आज दीप्ति भी कुछ अलग सा व्यवहार कर रही थी|पता नहीं क्यों आज उसके चाल चलन भी कुछ ठीक नहीं लग रहे थे|
रोज की तरह हम दोनों ने लूडो खेलना चालू किया|आज हम दो ही थे|हम दोनों ने थोड़ी देर तक लूडो खेला|मगर पता नहीं क्यों, आज हम दोनों को खेलने में मजा नहीं आ रहा था|दीप्ति भी आज कुछ अजीब सी हरकत कर रही थी|
आज उसने एकदम छोटी वाली सॉर्टी और गंजी ही पहन रखी थी|उसने अन्दर ब्रा नहीं पहनी थी, वह साफ साफ समझ आ रहा था|उसके निप्पल उसकी गंजी से कड़क से साफ दिख रहे थे|मेरी नजरें उसके नट्स पर ही टिकी थीं|
वह भी मेरी नजरों को भांप कर बार बार अपनी चूचियों को सहला रही थी|आज वह मुझे इतना भाव दे रही थी कि साफ लग रहा था कि आज टांगें खोलने के लिए एकदम राजी है|उसने मुझसे आज तक ऐसे कभी बर्ताव नहीं किया था|
वह बार बार पूरी नीचे झुक कर अपने गोल गोल संतरे मुझे दिखा रही थी|आज उसका खेलने में जरा सा भी ध्यान नहीं था; वह कुछ और खेलना चाहती थी|बात बात में वह मेरा हाथ भी पकड़ ले रही थी |
जोर से मेरे हाथ पर च्यूँटी काट देती थी|फिर बड़े प्यार से मेरे हाथ में किस कर देती थी|थोड़ी देर बाद मुझे भी पता चल गया कि आज इसे क्या चाहिए है|हम दोनों ने आज बहुत देर तक ऐसा किया|हमारा खेल तो बस एक बहाना था|
हमें तो कुछ और ही खेलना था|मगर करें तो करें क्या … कुछ समझ ही नहीं आ रहा था कि शुरुआत कैसे करें|उसकी हरकतें देख कर मेरा लंड भी तन कर तंबू बना चुका था|वह दीप्ति को भी मालूम पड़ गया था|पूरी छत में सब लोग सोये हुए थे|
दीप्ति के मम्मी पापा भी उसके बाजू में ही सोये हुए थे|बहुत देर हो गई थी तो उसके पापा ने उसको सो जाने का बोला|हम दोनों लेट गए मगर पूरी रात नींद नहीं आयी| हम दोनों अपनी अपनी जगह पर सो गए|
सोते सोते एक दूसरे को देखा रहे थे और इशारों में बात कर रहे थे|उस वक्त रात के लगभग दो बज रहे होंगे|मैंने उसे इशारा करते हुए कहा कि नीचे चलो|वह आजू बाजू देख कर तुरंत वॉशरूम के बहाने नीचे चली गई|
थोड़ी देर बाद मैं भी अपने तकिया को चादर उढ़ा कर उठ गया और वॉशरूम के बहाने उसके पीछे पीछे नीचे आ गया|
वह नीचे भूखी कुतिया की तरह मेरा सीढ़ियों पर ही इंतज़ार कर रही थी|
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हमारे अपार्टमेंट में कोई लिफ्ट नहीं है केवल सीढ़ियां ही हैं|दीप्ति सीढ़ियों के बीच बनी बाल्कनी में मेरा इंतजार कर रही थी|मैं नीचे आया तो उसने मुझे इशारे से अपनी ओर बुलाया|तो मैं झट से उसके पास पहुंच गया|
अब मैं बाल्कनी में जाकर खड़ा हो गया और चारों ओर देखा कि कोई हमें देख तो नहीं रहा है|बाद में वह मेरे पास आई|उसने हल्के से मेरे गाल पर पप्पी दी और उसने कहा,आज मुझे तुमसे चुदवाना है!
बस फिर क्या था … मैं भी सालों से चूत का भूखा उसको अपनी बांहों में कसके पकड़ लिया और जोर जोर से उसके होंठों को अपने होंठों से रगड़ने लगा|वह भी इतनी गर्म हो चुकी थी कि वह भी मेरा जोर जोर से साथ दे रही थी|
थोड़ी देर बाद उसने मेरे सर के बाल पकड़ लिए और मेरा मुँह अपने मम्मों पर रख कर बोली,चूसो|मैं उसके मम्मों को जोर जोर से चूसने का मजा लेने लगा|लगभग बीस मिनट तक हम लोग यूं ही चुम्मा-चाटी ही करते रहे|
उस वक्तदीप्ति ने चूंकि ब्रा और पैंटी नहीं पहनी थी तो मैंने झट से उसकी छोटी सी टी-शर्ट उठा कर ऊपर कर दी और उसकी शॉर्टी को भी सरका कर नीचे कर दी|हम दोनों को यह सब करते हुए बहुत डर लग रहा था कि कहीं कोई आ न जाए|
इसी लिए हम दोनों ने पूरे कपड़े नहीं उतारे थे|मैंने भी छोटा सा बॉक्सर पहन रखा था, उसे भी मैंने नीचे सरकाने का इशारा किया|उसने भी झट से मेरा बॉक्सर नीचे कर दिया और बैठ कर मेरा लंड चूसने लगी|
साली ने लंड को लॉलीपॉप समझ लिया था| वह लौड़े को मुँह से रगड़ रही थी|मुझे तो ऐसा लग रहा था मानो मैं जन्नत की सैर कर रहा हूँ|वह एकदम अनुभवी रांड सी लग रही थी|साली जैसे कई सालों से किसी का लंड मुँह में लेती आई हो|
खैर मुझे इससे क्या … मुझे तो आनन्द मिल रहा था, तो मैं क्यों ज्यादा सोचूं|वैसे भी किसी ने सही कहा है, आम खाओ गुठलियां मत गिनो|मैं भी आनन्द ले रहा था और वह मेरा लंड रगड़ रगड़ कर चूस रही थी|
मेरा छूटने वाला था, तो मैंने उसे बताया कि मैं छूटने वाला हूँ|वह इशारे से बोली,कोई बात नहीं … मेरे मुँह में ही छोड़ दो|क्या गजब मजा आ रहा था, सच बोलूँ तो आज तक किसी भी लड़की को मैंने मुँह में नहीं दिया था|
आज तो मानो जन्नत की सैर पर ही था|ऐसा अहसास हो रहा था|थोड़ी देर तक लॉलीपॉप चुसवाने के बाद मैंने उसे पलट कर खड़े होने को बोला और चारों ओर देखा कि कोई आ तो नहीं रहा है|
सब तसल्ली करने के बाद उसे दीवार पकड़कर खड़े होने को कहा|वह पलट कर खड़ी हो गई|बाद में उसके पीछे से डालने की कोशिश की, मगर उसकी चूत इतनी टाइट थी कि मैं पीछे से लंड पेल ही नहीं पाया|
यह बाद में समझ में आया कि चुदी चुदाई चूत को ही पीछे से पेलना आसान होता है|पहली बार में तो चित लिटा कर ही चुदाई संभव है|उसके बाद मैंने उसे बाल्कनी की दीवाल पर बिठाया |
धीरे से अपने लंड का सुपारा उसकी चूत पर रख कर रगड़ने लगा|उसकी चूत गीली हो गई थी और लंड लीलने को खुल गई थी|थोड़ी देर बाद मैंने हल्का सा झटका दिया, तो मेरा आधा लंड अन्दर चला गया|
वह दर्द के मारे एकदम से तड़प उठी और मुझसे छूटने की कोशिश करती हुई माँ बहन की गालियां देने लगी|मगर मैंने उसके मुँह पर हाथ रख कर उसे जकड़ लिया था|वरना उसकी चीख से सब लोग उठ जाते और इज्जत की कायदे से माँ चुद जाती|
बाद में थोड़ी देर तक मैं उसको चूमता रहा|उसका दर्द कम हो गया था|मैंने एक और जोर का झटका दिया तो मेरा पूरा लंड अन्दर घुस गया था|वह फिर से तड़प उठी|मैंने वैसे ही बिना हिले उसकी चूत में लंड घुसा रहने दिया |
उसके मम्मों से खेलना चालू कर दिया|उसकी आह निकलना बंद हुई तो मैंने उसके होंठों को चूसना चालू कर दिया|मैं उससे इधर उधर की बातें करने लगा ताकि उसका दर्द से ध्यान भटक जाए|
थोड़ी देर बाद मैं लंड को धीरे धीरे अन्दर बाहर करने लगा|उसका भी दर्द कम हो गया था और सेक्स लड़की नाईट सेक्स का मजा लेने लगी थी|जैसे जैसे वक्त निकलता गया, वैसे वैसे मैं अपनी स्पीड बढ़ाता गया|वह चुदाई का मजा लेने लगी थी|
तकरीबन 15 मिनट तक हम दोनों ने सेक्स किया|बाद में मैंने उसे पलट कर दीवार को पकड़कर खड़े होने को कहा|मगर उसने साफ साफ मना कर दिया कि मैं पीछे से नहीं करने दूंगी|
बहुत मनाने के बाद उसने पीछे से करवाने का मन बनाया|उसके बाद जैसे ही वह गांड खोल कर खड़ी हुई, मैंने अपने लंड को उसकी चूत पर रख दिया|वह डर के मारे घूम गई|
बहुत समझाने के बाद वह वापस घूमकर खड़ी हुई| इस बार जरा सी भी देर किए बिना मैंने अपना लंड उसकी चूत में पेल दिया|जैसे ही लंड पेला, तो उसे बहुत ज्यादा दर्द होने लगा था| वह दर्द सह रही थी और उसकी आंखों से पानी निकलने लगा था|
आज मैं उस पर तरस खाता, तो वापस ये मौका कभी नहीं आता|जैसे तैसे मैंने उसको शांत किया और लंड को धीरे धीरे अन्दर बाहर करने लगा|दीप्ति के मुँह पर दर्द साफ दिखाई दे रहा था मगर वह भी मजे ले रही थी |
मेरा साथ भी दे रही थी|कुछ पल बाद मुझे ख्याल आया किदीप्ति को छोड़ दूँ|जैसे ही मैं उसको छोड़ने लगा तो उसके चेहरे पर उदासी छा गई|मैं समझ गया कि वह भी दर्द होने का नाटक कर रही है, इतना हार्ड सेक्स करके अब उसे भी मजा आ रहा है|
बस फिर क्या … मुझे जो चाहिए था उसकी हरी झंडी मिल गई थी तो मैं किसी की भी सुनने वाला नहीं था|मैं और जोर जोर से उसे चोदने लगा|सच कहूँ तो पीछे से चोदने में जो मजा आता है, वह किसी भी स्टाइल में नहीं आता है|
वह चिल्लाना चाहती थी मगर सब लोगों के जागने के डर की वजह से वह अन्दर ही अन्दर चिल्ला रही थी और तेज तेज चोदने का कह रही थी|मैंने स्पीड बढ़ा दी थी और जोर जोर से झटके दे रहा था|वह सेक्स के दौरान दो बार झड़ चुकी थी|
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अब मैं झड़ने ही वाला था इसलिए मैंने उसके दोनों चूचे पकड़ कर अपनी स्पीड और बढ़ा दी|उसे भी चूत में बहुत दर्द हो रहा था, मगर क्या करे … चिल्ला भी नहीं पा रही थी|मैं उसकी चूत में ही झड़ गया| तब जाकर उसने सुकून की साँस ली|
मैंने उसे अपनी बांहों में कसके पकड़ लिया और उसने भी मुझे अपने दोनों हाथों से पकड़ लिया|हम दोनों एक दूसरे की बांहों में खड़े रहे|मैंने उसके माथे पर किस की और हम दोनों अपने अपने कपड़े पहन कर छत पर आ गए|
उधर हम अपनी अपनी जगह सो गए|दूसरे दिन सुबहदीप्ति जब मेरे सामने आई तो मैंने देखा कि वह थोड़ी लंगड़ा कर चल रही थी|मैंने पूछा,क्या हुआ?वह इतराते हुए बोली,एक कुत्ते ने जबरदस्ती काट लिया|
मैं अन्दर ही अन्दर हंसने लगा और वह सेक्स लड़की लंगड़ाती हुई चली गई|फिर उसके बाद हम दोनों ने कई बार सेक्स किया|आप लोगों को यह सेक्स लड़की नाईट सेक्स कहानी पसंद आई होगी| मुझे मेल करके बताएं|
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