कॉलेज के भीतर चुद के हुई तीतर-तीतर

antarvasna sex story

हैलो फ्रेंड्स, मैं तन्नू मैंने पहली बार अपनी कहानी लिखी थी.
इससे पहले मुझे कहानी लिखने का अनुभव नहीं था.

पहली बार अपनी चुदाई की सेक्सी कहानी को आगे ले जाने के लिए आज मैं पुन: हाज़िर हूँ.

मैंने अपनी पक्की सहेली तान्या को अपनी चुदाई की कहानी बताई.
तो वह ख़ुशी से बोली- तेरी सील टूट गयी है.
मैंने कहा- हां.

वह अपने बॉयफ्रेंड्स से चुदती रहती थी.
उसका बॉयफ्रेंड हमारा सीनियर था.

तान्या ने नोटिस किया और कहा- तन्नू, तेरी ब्रा कहां है?
मैंने उसे बताया कि वह शिवम् ने नहीं दी.
वह मुस्कुरायी और मुझे छेड़ती हुई बोली- चल फ्रेश हो जा.

रात का खाना खा पीकर रात को सोते समय कपड़े चेंज किए और एक शॉर्ट्स व टी-शर्ट को पहन लिया.
मैंने पैंटी नहीं पहनी क्योंकि चूत में दर्द हो रहा था. ब्रा तो वैसे भी सोते समय नहीं पहनती थी.

दूसरे दिन मैं कॉलेज नहीं गयी तो शिवम् हॉस्टल आया.
मैंने बताया कि दर्द की वजह से नहीं आयी.
उसने मुझसे कहा- ठीक हो जाएगा.

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अब मुझे चुदे हुए 6 दिन हो गए थे. तभी शिवम् ने रात को बताया कि उसके दोस्त का फ्लैट आज खाली है.
मैं भी मन बनाने लगी.

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उसने कहा- इससे अच्छा मौका नहीं मिलेगा.
मुझे भी चुदने का तेज मन होने लगा था तो मैंने भी हां बोल दिया.

दूसरे दिन शिवम् मुझे हॉस्टल लेने आया और बाहर हमने कुछ खाया पीया.

फिर वह मुझे फ्लैट पर ले गया. उसने लॉक खोला और हम अन्दर आ गए.
उसने दरवाजा लॉक किया और मुझे वहीं पर किस करने लगा.

मैंने आज टाइट चूड़ीदार स्लीवलेस सलवार कमीज पहनी थी, पर ब्रा नहीं … सिर्फ समीज.

वह मेरे बूब्स को मसलते हुए मेरे चेहरे को चूमने लगा, माथे से लेकर गले तक और गालों को भी चूमा.

उसके चुम्बनों से मेरा पूरा चेहरा गीला हो चुका था.

उसने अपने सारे कपड़े उतार दिए और कहा- चलो अन्दर.
तब उसने पलंग पर मुझे बैठाया और अपना खड़ा लंड मेरे सामने हिलाकर कहा- इसे चूसो.

मैं उसका लंड चूसने लगी.

वह मेरे बालों को पकड़ कर अपने हिसाब से मुझे लंड चूसने के लिए कहता रहा और मैं चूसती रही.

कुछ देर बाद उसने मेरी कमीज को ऊपर उठाकर निकाल दिया और देखकर बोला कि तन्नू आज ब्रा नहीं पहनी?
मैंने कहा- नहीं, तुम मुझे गिफ्ट देने वाले थे न!

शिवम् ने कहा- हां, तुम्हारा गिफ्ट मैंने ले लिया है.

उसने मुझे खड़ा किया और सलवार को खोलकर निकाल दिया.
मैं काली पैंटी और समीज में थी.

मैं लेट गयी और वह किचन में गया और चाकू लेकर आया.

मेरी पैंटी को चूत वाली जगह से फाड़ दिया और पैंटी को ऊपर कमर पर खिसका दिया.
फिर मेरी समीज को बीच से फाड़ कर अलग कर दिया.

मेरी दोनों टांगें चौड़ी करके चूत चाटने लगा.
मैं भी आह्ह अहह करती हुई कामुक सिसकारियां ले रही थी.

चूत चाटने के बाद मेरी गर्दन पर किस करते हुए वह मेरे होंठों का रसपान करता रहा.
फिर वह मेरे मम्मों पर टूट पड़ा और एक मम्मे के ऊपर अपने होंठों से जोर जोर से चूसने लगा.

यह सब उसने करीब 30 सेकंड तक किया.

इसके बाद वह वहां पर हल्की-हल्की किस करते हुए साथ ही अपने हाथों से उस जगह को सहलाते हुए मुझे मजा देने की कोशिश करने लगा था.
मुझे दर्द हो रहा था पर मजा भी आ रहा था.

उस जगह पर लाल रंग का निशान पड़ गया.

शिवम् मुझे लव बाईट का निशान देकर बोला- तन्नू, यह हमारे प्यार की निशानी है.
मैंने उसे चूमा और कहा- हां.

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फिर मैं उसके ऊपर आ गयी और उसे चूमने लगी, किस करते हुए उसकी गर्दन को चुम्मा देती हुई उसके निप्पल चूसने लगी.
वह आंखें बंद करके इस पल को एन्जॉय कर रहा था.

उसके बाद मैंने उसके फनफनाते लंड को चूस कर अच्छे से गीला कर दिया.

फिर वह उठा और उसने मुझे पलंग के किनारे लेटा दिया.
वह खुद नीचे खड़ा हो गया.

उसने अपने लंड पर कंडोम पहन कर मेरे दोनों पैरों को अपने कंधे पर रख लिया और अपना लंड मेरी चूत पर सैट कर दिया.
मैंने हां में सर हिलाया तो वह धीरे से लंड पेल कर अन्दर बाहर करने लगा.

मुझे दर्द हो रहा था पर चुदने की गर्मी भी शांत करनी थी.

कुछ देर में उसने पूरा लंड मेरी चूत के अन्दर डाल दिया और अब वह स्पीड में आ गया.
मेरे मुँह से आहह उम्मम की आवाजें आ रही थीं.

इसी तरह चोदने के बाद उसने कहा- मेरी जान, डॉगी बन जाओ.
मैं बन गयी.

अब वह पीछे से मेरी जबरदस्त ले रहा था और मैं भी मजे ले रही थी.
मेरे मम्मे हवा में आगे पीछे हो रहे थे.

वह भी उत्तेजना में मेरी गांड में चांटे मार देता तो मैं और गर्म हो जाती.

फिर वह धीरे से मेरी पीठ पर चढ़ गया और मेरी चूचियों को दोनों हाथों से मसलने लगा.
उधर उसका लंड मेरी चूत मारे जा रहा था.

मैं भी इस पल का मजा ले रही थी.
मुझ पर उसका पूरा वजन था तो मैं थक गयी.
उसने उसी पोजीशन में मुझे लेटाया और दोनों पैरों को चौड़ा करके शुरू हो गया.

कुछ देर बाद मैंने कहा- शिवम्, मैं झड़ने वाली हूँ.
उसने कहा- ठीक है.

मेरे झड़ते ही वह रुक गया.
उसने मेरी चूत को पूरा चाट लिया और उसने मुझे किस किया.
मुझे मेरी चूत के रस का स्वाद आ रहा था.

अपना कंडोम निकाल कर उसने अपने लंड को मुझसे मुँह में लेने का इशारा किया.
मैंने ले लिया.

उसने कहा- तन्नू मैं तुम्हारे मुँह में झड़ना चाहता हूँ.
मुझे पसंद तो नहीं था पर उसके लिए मैंने हां कर दी.

उसने मुझसे कहा- चलो नीचे आ जाओ.

मुझे उसने घुटनों के बल बैठाया और वह खड़ा था.
उसने अपना लंड मेरे मुँह में दिया और कहा- मुझे मेरे हिसाब से करने दो.

मैंने कुछ न कहते हुए सहमति दे दी.

उसने कमर में फंसी पैंटी को निकाल कर अलग कर दिया.
अब वह अपने लंड को मेरे मुँह में अन्दर बाहर करने लगा.

मैं भी अपनी जीभ से लंड के सुपारे को टच कर देती तो वह कराह उठता ‘अहहा … तन्नू … आंह मेरी जान … बहुत मज़ा आ रहा है … ऐसे ही करती रहो.’

इस वक्त मैं रंडियों की तरह लंड चूस रही थी.

फिर मैं उसके अंडकोषों के साथ खेलने लगी, उन्हें मुँह में लेकर चाटने लगी.

बस कुछ देर में मैंने चाट चाट कर लंड को हल्का गुलाबी कर दिया था.
मैंने शिवम् के लंड को थूक से पूरा गीला कर दिया था.

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उस वक्त मैं करीब आधे से ज्यादा लौड़े को अन्दर लेकर चूस रही थी ताकि उसे परम आनन्द मिले.

मैंने अपने होंठों को बिल्कुल बंद कर लिया था जिससे उससे चूत का आनन्द मिले.

वह भी आहिस्ता आहिस्ता लंड को मेरे मुँह के अन्दर बाहर कर रहा था.

कुछ ही देर मैं उसने कहा- तन्नू, मेरी जान … मैं तुम्हारे मुँह में झड़ना चाहता हूँ.
मैंने उसे हां में इशारा किया तो उसने मेरे सर को पकड़ कर लौड़े को अन्दर बाहर किया और मुँह के अन्दर ही सारा माल निकाल दिया.
कुछ सेकंड वह लंड अन्दर रखे रहा.

फिर उसने लंड निकाला तो मैं बाथरूम में गयी और सब माल को थूक दिया.

क्योंकि मुझे उसका स्वाद अभी अच्छा नहीं लग रहा था; मैं कुल्ला करके वापस आयी.

शिवम् ने कहा- इसे साफ तो कर देती.
मैंने उसके लंड को चाट कर अच्छे से साफ कर दिया.

अब वह बाथरूम गया और सब कुछ साफ करके बाहर आ गया.

फिर मैं गयी और नहा कर वापस आयी.
मैंने अपने बदन को पौंछा और कपड़े पहनने लगी.

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शिवम् ने कहा- जान कपड़े मत पहनो … ऐसी ही अच्छी दिख रही हो.
वह मेरे करीब आकर फिर से चुम्मा चाटी करने लगा.

मैंने उससे कहा- अब नहीं … तुम बस कपड़े फाड़ते रहो, क्या पहन कर जाऊं वापस?

यह सुनकर उसने अपने बैग से मेरे लिए खरीदी हुई ब्रा और पैंटी निकाली.
वह बोला- अब इन्हें ही पहना करो.

उसने निकाल कर कहा- ये लो, पुश अप, अंडरवायर्ड, डेमी कप, फ्रंट ओपन, प्लंज ब्रा … वह सब देखने में आगे से ज्यादा ओपन थी और एक वैसी थी, जो गले में बंधती थी. ये भी आगे से ज्यादा खुली हुई थी.

मैं अक्सर टी-शर्ट ब्रा, पुश अप ब्रा, ब्रालेट ब्रा ही पहनती थी. वह भी फुल कवरेज वाली … और पैंटी तो ऐसी पहनती थी जो या तो मेरे चूतड़ों को पूरा ढक ले या साधारण सी पैंटी ही ज्यादातर पहनती थी.
पर उसने मेरे लिए खरीदी थॉंग पैंटी, लो वेस्ट पैंटी, सीमलैस पैंटी. ये सब ज्यादातर सेक्सी दिख रही थीं.

ये बात तो ब्रा पैंटी की हो गयी. फिर मैंने फटाफट उसमें से उसकी पसंद की ब्रा पैंटी पहनी और कपड़े पहने.
उसने भी मुझे हॉस्टल छोड़ दिया और चला गया.

इस तरह से मेरी कॉलेज लाइफ सेक्स कहानी आगे बढ़ने लगी.
लेकिन तभी इसमें एक मोड़ आया.

कुछ ही देर में मेरे पास अनजान नंबर से फ़ोन आया.

मैंने फ़ोन उठाया तो पता चला कि मैं जिस फ्लैट से चुद कर आ रही थी, यह उसी में रहने वाले एक लड़के का फ़ोन था.

उसने कहा- मैं शिवम् का दोस्त आशीष बोल रहा हूँ. मेरे पास तुम्हारा वीडियो है. तुम मुझसे तुरंत यहीं आकर मिलो और यह बात किसी को मत बताना ना ही शिवम् को कुछ मत बताना.
मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा था.

मेरी स्थिति देख कर तान्या ने मुझसे पूछा- क्या बात है?
तो मैंने उसे सब बता दिया.

उसने कहा- तेरे साथ मैं चलूंगी.
हम तुरंत निकले और उस फ्लैट पर पहुंची.

हमारे पहुंचने पर आशीष बाहर ही खड़ा मिला.
उसने कहा- अन्दर चलो, बात करते हैं.

अन्दर आने पर उसने मुझे उसके मोबाइल पर शिवम् और हमारी सेक्स वीडियो दिखाई और कहा- देखो तुम जब आखिरी बार आई थीं, तभी मेरे दिमाग में यह आइडिया आ चुका था. फिर जैसे ही मुझे शिवम् का फोन आया कि आज भी तुम्हारा यही प्रोग्राम फिर से है, तो मैंने पहले ही मोबाइल छुपा कर रख दिया था.

मैंने आशीष से कहा- मैं पुलिस कंप्लेंट कर दूंगी.
उसने कहा कि देखो मेरा इरादा तुम्हें ब्लैकमेल करके फायदा उठाना नहीं है. पर तुम्हारी इतनी सेक्सी चुदाई देखकर मेरा मन तुम्हें एक बार चोदने का था. मैंने सेक्स किया है, पर कॉल गर्ल के साथ … अगर तुम चाहो तो तुम्हारे साथ सेक्स करना चाहूँगा. वरना मैं ये वीडियो अभी के अभी डिलीट कर देता हूँ.

उसने मेरे सामने ही उस वीडियो को डिलीट कर दिया और कहा- आज के बाद मैं तुम्हें फोन नहीं करूँगा. पर अगर तुम्हारी इच्छा हो … तो मुझे तुम्हारे साथ एक बार सेक्स करना है.
मुझे कुछ ठीक नहीं लग रहा था तो मैंने उसे मना कर दिया.

उसने कहा- तुम्हें अगर कुछ लगता है, तो मैं तुम्हें पैसे भी दे दूंगा.
मैंने गुस्से में कहा- मैं कोई कॉल गर्ल नहीं हूं, जो पैसे लूं.

वहीं पास बैठी तान्या सब कुछ सुन रही थी.
मैं उठकर बाहर दरवाजे तक आ गई थी लेकिन तान्या अन्दर ही बैठी हुई थी.

तान्या पता नहीं, उससे क्या बात कर रही थी.

जब मैं अन्दर गई और मैंने कहा- तान्या उठो, चलना है हमें!
तान्या ने कहा- रुक जाओ तन्नू.

अब तान्या ने आशीष से कहा- मैं तैयार हूँ.
मैंने कहा- पागल हो क्या?
उसने कहा- नहीं, इसी लिए तो तैयार हूँ.

मुझे कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था.

तान्या ने कहा- तन्नू बात ऐसी है कि मेरा बॉयफ्रेंड मुझे ठीक से नहीं कर पाता है. मेरे झड़ने से पहले ही वह झड़ जाता है और मैं ऐसी ही रह जाती हूँ. वैसे भी उसका फाइनल ईयर है, वह 3 महीने बाद चला जाएगा.

उसने आशीष के सामने शर्त रखी- अगर तुम मुझे खुश कर दोगे तो मैं पैसे नहीं लूंगी … और अगर ऐसा ना हो पाया तो मैं पैसे लूंगी.

आशीष भी तान्या को चोदने के लिए तैयार हो गया.

बस फिर क्या ही था … तान्या तो उसी वक्त टांगें खोलने को तत्पर हो गई थी.

आशीष ने पूछा- क्या आज रात तुम यहीं रुक सकती हो?
तो तान्या ने उसे बताया – हमें हॉस्टल जाना होता है. हम रात में नहीं रुक सकती हैं. इसलिए हमारे पास सिर्फ 9:00 बजे तक का ही टाइम है.

आशीष ने कहा- ठीक है, अभी शाम के 4:30 बज रहे हैं. हमारे पास अभी लगभग 4 घंटे हैं. चलो अभी शुरू करते हैं.
मैंने तान्या से कहा- ठीक है, मैं हॉस्टल जाती हूं.

इस पर आशीष और तान्या दोनों ने कहा- अरे तुम अकेले हॉस्टल जाकर क्या ही करोगी. तुम यहीं रुको, साथ में ही खाना खाते हुए मैं तुम दोनों को एक साथ ही छोड़ दूंगा.
तान्या ने काफी जोर देकर कहा था इसलिए मैं वहीं पर रुक गई.

वे दोनों एक कमरे में चले गए.
मैं बाहर ही बैठी रही, उनकी चुदाई की आवाजें सुन कर गर्म होती रही.

करीब 45 मिनट का वक्त निकल चुका था.
उसके बाद वे दोनों बाहर आये.

आशीष ने मुझसे कहा- चलो चलते हैं, कुछ खा पीकर आते हैं.

हम तीनों एक रेस्तरां में चले गए, वहां खाया पीया और वहां से वापस 6:30 बजे उसके फ्लैट पर आये.

आशीष और तान्या एक राउंड और करने वाले थे.
उन दोनों की बॉन्डिंग ऐसे हो गयी मानो एक दूसरे को सालों से जानते हों.

मैं हैरान थी कि साली तान्या आई तो थी मेरा मामला सुलटाने और खुद ही उसके लौड़े पर मर मिटी.

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