नंगी भाभी की गर्म चूत का मजा मुझे दिया मेरे माकन मालिक की बीवी ने! वह मुझे अक्सर लाइन देती थी. एक दिन उसकी कमर में दर्द था तो मैंने उसकी मालिश की.
दोस्तो, मेरा नाम प्रकाश है और मैं आज आपको अपनी सच्ची सेक्स कहानी बताने जा रहा हूं.
यह बात सितम्बर की है जब मैं नौकरी के कारण मुंगेली (छत्तीसगढ़) में रहता था.
मैं वहां किराये के कमरे में रहता था.
मेरे इस कमरे के मकान मालिक ट्रक ड्राइवर थे और उन्हें अक्सर घर से बाहर रहना पड़ता था.
कमरे के बाजू में ही मकान मालिक की बीवी और दो बच्चे रहते थे.
मेरे इधर रहने आने से मकान मालिक को कुछ आसरा भी हो गया था कि रात बिरात उनके परिवार के साथ रहने के लिए एक पुरुष है.
मैं उन्हें भैया भाभी कहकर बुलाता था.
उनके बच्चे स्कूल जाया करते थे तो घर में सिर्फ भाभी जी ही रहती थीं.
मैंने भाभी को कभी गंदी नजर से नहीं देखा था.
उनके बच्चों के साथ भी मेरी अच्छी दोस्ती हो गई थी.
एक दिन की बात है, मैं बाथरूम में नहा रहा था.
उनके मकान में दोनों के लिए एक ही बाथरूम था.
उसी वक्त भाभी भी शायद नहाने आ रही थीं.
मैं भूलवश बाथरूम का दरवाजा बंद नहीं कर पाया था तो भाभी ने अचानक से दरवाजा खोल दिया और मैं उनके सामने नंगा हो गया.
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उस समय मैंने केवल फ्रेंची अंडरवियर पहना हुआ था.
मेरा फ्रेंची अंडरवियर भीगा हुआ था और उसमें से मेरा लंड तना हुआ दिख रहा था.
भाभी मुझे उस तरह से देख कर चौंक गईं और तुरंत सॉरी कह कर उधर से हट गईं.
मैंने भी जल्दी से बाथरूम के दरवाजे की कुंडी लगाई और जल्दी जल्दी नहाना खत्म करके बाहर आने को हो गया.
थोड़ी देर बाद मैं वहां से बाहर निकल आया.
बाहर आकर मैंने भाभी से सॉरी कहा.
तो वे हंसने लगीं और बोलीं- बाथरूम का दरवाजा बंद कर लिया करो.
मैं भी हां बोलकर वहां से चल दिया.
उस दिन भैया कहीं गए हुए थे तो वे शाम भाभी को कॉल कर रहे थे और वे फोन नहीं उठा रही थीं.
उसी वजह से भैया में मुझे कॉल किया और कहा- जरा अपनी भाभी से बात करवा दे, वह अपना फोन ही नहीं उठा रही है.
मैं भाभी के पास गया.
उस समय वे घर में अकेली थीं.
उनके कमरे में जाते ही मैंने देखा कि भाभी सो रही थीं और उनकी साड़ी अस्त व्यस्त थी.
उस वजह से उनकी हॉट बॉडी दिख रही थी.
मैंने भाभी को पहली बार इस तरह देखा था.
तब मैंने भाभी को उठाया तो वह हड़बड़ा कर उठीं और अपनी साड़ी ठीक करने लगीं.
मैं उन्हें देखने लगा.
भाभी मस्त माल लग रही थीं.
तभी उन्होंने मेरी तरफ देखा और बोलीं- क्या हुआ?
मैंने उन्हें कोई जबाव नहीं दिया बस उनके मम्मों को देखता रहा.
उन्होंने मुझे इस तरह से घूरते हुए देख कर जोर से कहा- क्या हुआ?
मैंने अचकचा कर उन्हें बताया कि आपका फोन है.
उन्होंने फोन ले लिया और अपने फोन से फोन लगाने की कह कर मुझे मेरा फोन वापस दे दिया और मैं उनकी बात करवा कर तुरंत वापस आ गया. उसके बाद में Antarvansa Story ctgirls.in पर पढ़ने लगा।
उस दिन के बाद से कुछ ऐसा मन बदला कि भाभी मुझे चोदने लायक माल लगने लगीं और उनकी नजरों में भी कुछ फरक आ गया था.
वे भी मुझे मुस्कुराकर बात करने लगी थीं.
अब मैं भाभी जी से थोड़ी थोड़ी बातें कर लिया करता था.
एक दिन मैं बाजार जा रहा था तो भैया ने कहा- अपनी भाभी को भी साथ ले जा, ये भी कुछ सब्जी वगैरह ले आएगी.
मैंने ओके कहा और अपनी बाइक बाहर निकाल कर भाभी के आने का इंतजार करने लगा.
एक मिनट बाद भाभी बाहर आईं और गांड उचका कर मेरे पीछे बैठ गईं और हम दोनों बाजार की ओर चल दिए.
रास्ते में मैं जानबूझ कर ब्रेक लगा रहा था, जिससे भाभी की चूचियां मेरी पीठ से टकराने लगीं और मेरा लंड बेकाबू होने लगा था.
उनके मम्मों के स्पर्श से मेरा लंड हर पल टाइट हो रहा था.
पर मैंने अपने आपको सम्भाला और उनके साथ अपनी खरीदारी करके बाजार से वापस आ गया.
अगले दिन भैया घर से बाहर थे.
उनका फिर से फोन आया कि भाभी से बात करा दे.
उस समय भाभी बाथरूम में थीं.
मैं गया और मैंने भाभी को आवाज लगाई.
उन्होंने कहा- एक सेकंड बाहर ही रुको, मैं बाहर आ रही हूँ.
मैं उनका इंतजार करने लगा.
भाभी उस वक्त अपने शरीर पर केवल एक तौलिया बांध कर बाहर निकलीं.
उनके बाहर आते मैंने उन्हें देखा और भेजा भक्क से उड़ गया.
मैंने भाभी को पहली बार इस स्थिति में देखा था.
क्या जबरदस्त माल लग रही थीं यार … मेरे लौड़े ने तो हाहाकार मचा दी थी.
उनका साइज़ 34-30-38 का था.
मैं उन्हें यूं देख कर पागल हो गया.
वे उधर ही मुझसे फोन लेकर भैया से बात करने लगीं और मैं उन्हें ताड़ने लगा.
भाभी ने भी मुझे ताड़ते हुए देख लिया था … पर वे मुझ पर मानो ध्यान ही नहीं दे रही थीं.
वे बस भैया से बात करने में लगी थीं.
उनकी संगमरमारी जांघें एकदम नंगी थीं और ऊपर आधी चूचियां तौलिया से कसी होने के कारण मस्त फूली हुई दिख रही थीं.
मैं सोचने लगा कि भाभी चाहती तो बाथरूम से कह सकती थीं कि मैं दो चार मिनट बाद फोन लगा लूँगी.
मगर उन्होंने ऐसा नहीं कहा और वे सिर्फ एक तौलिया लपेट कर बाहर आ गईं.
इसका मतलब ये है कि भाभी के मन में मेरे लिए कुछ चल रहा है.
अब मैं भाभी को चोदने का बहाना खोजने लगा.
फोन कटने के बाद भाभी ने मुझे फोन वापस दिया और कंटीली नजरों से देखने लगीं.
मैंने भी भाभी को लाइन मारना शुरू कर दिया.
अब मैं जब भी बाथरूम में नहाता तो हमेशा दरवाजा खुला रख कर नहाता.
एक दिन मैं अपने कमरे में लेटा था और पोर्न देखते हुए अपने लौड़े को सहला रहा था.
तभी भाभी अचानक से अन्दर आ गईं और उन्होंने मुझे लौड़े को सहलाते हुए देख लिया.
मैं सकपका कर खड़ा हो गया और मोबाइल को जल्दी से बंद कर दिया.
पर मेरा लंड एकदम खड़ा था.
जिसे भाभी ने देख लिया था.
मैं भाभी को देखकर शर्मा गया तो मैंने उनसे सॉरी कहा.
वे कुछ नहीं बोलीं बस मेरे खड़े लंड को देख कर वापस चली गईं.
उस दिन भाभी को घर में अकेले रहना पड़ गया था.
शाम को भैया ने जाते वक्त मुझसे कहा- तुम सोने के लिए मेरे घर में चले जाना.
मैं खाना खाकर भाभी के पास सोने के लिए चला गया.
उनके कमरे में बैठ कर मैं टीवी देखने लगा.
भाभी खाना खाकर कमरे में आईं और हम दोनों बात करने लगे.
अचानक से बरसात चालू हो गई.
भाभी ने कहा- मैंने छत में गेहूँ सूखने डाला था, पर उठाना भूल गई.
हम दोनों तुरंत छत की ओर दौड़े और सारी छत पर फैले हुए गेंहू को समेट कर अन्दर रखा.
पानी चूंकि बहुत तेज बरसने लगा था जिससे हम दोनों ही भीग चुके थे.
भाभी के भीगे हुए कपड़ों में से उनका हॉट शरीर साफ़ साफ़ दिख रहा था.
सब काम निबटा कर हम दोनों नीचे उतरकर कमरे में आए.
भाभी ने कहा- तुम्हारे कपड़े गीले हो गए हैं, बदल लो.
मैंने भी भाभी से कहा- भाभी आप भी चेंज कर लो.
मैं अपने कपड़े उतारने लगा और उस वक्त केवल एक तौलिया लपेट कर खड़ा था.
भाभी भी अपनी ड्रेस चेंज करने लगीं.
उन्होंने साड़ी ब्लाउज वगैरह उतार कर एक नाइटी पहन ली थीं.
थोड़ी देर बाद भाभी ने कहा- मेरी तो कमर में दर्द होने लगा है. मैं इतनी जल्दी जल्दी काम कर रही थी और छत से गेहूँ की बोरी को उठाकर लाई हूँ. तभी से मेरी कमर का बाजा बज गया है.
मैंने मौका देख कर भाभी से बोला- यदि आपको ज्यादा दर्द है भाभी, तो क्या मैं आपकी मालिश कर दूँ?
वे मना करने लगीं.
मैंने उनसे जिद करते हुए कहा- इसमें कोताही नहीं बरतिए भाभी जी. मैं आपकी कमर में गर्म तेल लगा कर मालिश कर देता हूँ.
वे मालिश के लिए मान गईं.
मैं जल्दी से उनकी रसोई से तेल गर्म करके एक कटोरी में ले आया.
मैंने भाभी से कहा- आप लेट जाएं.
वे लेट गईं लेकिन कमर पर मालिश कैसे हो.
क्योंकि उनकी नाइटी को हटाए बिना मालिश कैसे की जा सकती थी.
मैंने कहा- भाभी यदि आप नाइटी को उतार देंगी या ऊपर कर देंगी, तभी तो मैं आपकी मालिश कर पाऊंगा!
भाभी ने कुछ नहीं कहा बस वे उठ कर बैठीं और उन्होंने मेरे ही सामने बिना किसी हिचक या संकोच के अपनी नाइटी को उतार दिया.
अब भाभी मेरे सामने ब्रा और पैंटी में थीं.
मैं तो उनके मादक जिस्म को टू पीस में देख कर संयम ही नहीं कर पा रहा था.
मेरे लौड़े ने तौलिये में अपनी औकात दिखानी शुरू कर दी थी.
भाभी मेरे लंड को देखती हुई औंधी लेट गईं.
मैं भाभी की जांघों के पास बैठ कर उनकी पीठ की मालिश करने लगा.
क्या बताऊं दोस्त … उनको पहली बार ऐसे छूने से मेरा लंड एकदम टाइट हो गया था.
मैं भाभी की चिकनी देह की मालिश करते करते उनकी गांड को भी दबा दे रहा था.
कुछ देर बाद मैंने भाभी से कहा- भाभी, आप अपनी ब्रा को भी खोल दीजिए, जिससे मैं आपकी अच्छे से मालिश कर सकूँ.
भाभी मान गईं और उन्होंने मुझसे ब्रा का हुक खोलने की कह दी.
मैंने उनकी ब्रा का हुक खोल दिया और फिर से उनकी पीठ की मालिश करने लगा.
कुछ देर बाद मैंने भाभी से कहा- भाभी, आप पलट जाइए.
वे झट से पलट गईं.
अब उनके दूध पूरे नंगे हो गए.
भाभी को ऐसे देखकर मैं शर्मा गया.
भाभी ने कहा- शर्मा क्यों रहा है, पहले कभी किसी के दूध नहीं देखे क्या?
मैंने कहा- नहीं.
भाभी बोलीं- चल अब शर्माना छोड़ और मेरी चूचियों की भी मालिश कर दे.
मैंने अपने हाथ बढ़ाए और भाभी की चूचियों पर अपने हाथ रख दिए.
मुझे भाभी की नशीली आंखें चुदाई का निमंत्रण देती हुई दिख रही थीं.
मैं भी उन्हें वासना से देखता हुआ उनकी चूचियों की मालिश करने लगा.
मेरा लंड एकदम कड़क हो गया था और तौलिये में ही पर्वत बनाने लगा था.
भाभी ने लंड देख लिया और बोलीं- ये क्या है प्रकाश?
मैंने कहा- क्या बताऊं भाभी, जब से आपको देखा है … तो टाइट हो गया है.
भाभी जी हंसने लगीं और बोलीं- तुमने कभी सेक्स किया है?
मैंने कहा- नहीं भाभी. मैंने किसी को नंगी तक नहीं देखा है तो सेक्स तो दूर की बात है. मैं जानता ही नहीं हूँ कि सेक्स कैसे किया जाता है!
भाभी ने कहा- चलो, फिर मैं आज तुम्हें सिखाती हूँ.
उन्होंने तुरंत हाथ बढ़ा कर मेरे तौलिये में से मेरे लंड को बाहर निकाल लिया और मुँह में लेकर चूसने लगीं.
मैं भी भाभी का साथ देने लगा और उनके मम्मों को दबाने लगा.
भाभी ने कुछ ही देर में अपनी पैंटी निकाल दी और गर्म चूत दिखाने लगीं.
हम दोनों बिल्कुल नंगे हो गए थे.
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भाभी ने तुरंत पोजीशन सैट की और मेरे लौड़े के ऊपर टांगें खोल कर लेट गईं.
उन्होंने मेरे खड़े लंड को पकड़ कर अपनी चूत में रगड़ा और अन्दर डाल लिया.
वे लौड़े पर बैठती चली गईं और नंगी भाभी की गर्म चूत में लंड जाते ही उनके मुँह से आह आह की मादक आवाज निकली.
लौड़े पर बैठ कर भाभी मेरे सीने से अपने सीने को लगा कर लेट गई थीं.
मैं भी गांड उठा कर नंगी भाभी की गर्म चूत में अपना लंड अन्दर बाहर करने लगा.
हमारी धकापेल चुदाई होने लगी.
कुछ मिनट भाभी को चोदने के बाद मेरा पानी निकलने वाला हो गया था.
मैंने उन्हें बताया तो भाभी ने मेरे लंड को चूत से निकाल और नीचे को सरक कर अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगीं.
मैंने अपना पूरा माल भाभी के मुँह में ही छोड़ दिया.
उस दिन मैंने भाभी को चार बार चोदा.
भाभी ने बताया कि भैया उनको ज्यादा टाइम नहीं देते और बहुत जल्दी झड़ जाते हैं.
अगले दिन हमने बाथरूम में जमकर चुदाई की.
अब जब भी हम दोनों को मौका मिलता, तब हम चुदाई कर लिया करते थे.
मेरा लंड भाभी को बहुत अच्छा लगने लगा था.
तो दोस्तो, आपको मेरी नंगी भाभी की गर्म चूत की कहानी कैसी लगी, प्लीज बताएं.
नंगी भाभी की गर्म चूत का मजा मुझे दिया मेरे माकन मालिक की बीवी ने! वह मुझे अक्सर लाइन देती थी. एक दिन उसकी कमर में दर्द था तो मैंने उसकी मालिश की.
दोस्तो, मेरा नाम प्रकाश है और मैं आज आपको अपनी सच्ची सेक्स कहानी बताने जा रहा हूं.
यह बात सितम्बर की है जब मैं नौकरी के कारण मुंगेली (छत्तीसगढ़) में रहता था.
मैं वहां किराये के कमरे में रहता था.
मेरे इस कमरे के मकान मालिक ट्रक ड्राइवर थे और उन्हें अक्सर घर से बाहर रहना पड़ता था.
कमरे के बाजू में ही मकान मालिक की बीवी और दो बच्चे रहते थे.
मेरे इधर रहने आने से मकान मालिक को कुछ आसरा भी हो गया था कि रात बिरात उनके परिवार के साथ रहने के लिए एक पुरुष है.
मैं उन्हें भैया भाभी कहकर बुलाता था.
उनके बच्चे स्कूल जाया करते थे तो घर में सिर्फ भाभी जी ही रहती थीं.
मैंने भाभी को कभी गंदी नजर से नहीं देखा था.
उनके बच्चों के साथ भी मेरी अच्छी दोस्ती हो गई थी.
एक दिन की बात है, मैं बाथरूम में नहा रहा था.
उनके मकान में दोनों के लिए एक ही बाथरूम था.
उसी वक्त भाभी भी शायद नहाने आ रही थीं.
मैं भूलवश बाथरूम का दरवाजा बंद नहीं कर पाया था तो भाभी ने अचानक से दरवाजा खोल दिया और मैं उनके सामने नंगा हो गया.
उस समय मैंने केवल फ्रेंची अंडरवियर पहना हुआ था.
मेरा फ्रेंची अंडरवियर भीगा हुआ था और उसमें से मेरा लंड तना हुआ दिख रहा था.
भाभी मुझे उस तरह से देख कर चौंक गईं और तुरंत सॉरी कह कर उधर से हट गईं.
मैंने भी जल्दी से बाथरूम के दरवाजे की कुंडी लगाई और जल्दी जल्दी नहाना खत्म करके बाहर आने को हो गया.
थोड़ी देर बाद मैं वहां से बाहर निकल आया.
बाहर आकर मैंने भाभी से सॉरी कहा.
तो वे हंसने लगीं और बोलीं- बाथरूम का दरवाजा बंद कर लिया करो.
मैं भी हां बोलकर वहां से चल दिया.
उस दिन भैया कहीं गए हुए थे तो वे शाम भाभी को कॉल कर रहे थे और वे फोन नहीं उठा रही थीं.
उसी वजह से भैया में मुझे कॉल किया और कहा- जरा अपनी भाभी से बात करवा दे, वह अपना फोन ही नहीं उठा रही है.
मैं भाभी के पास गया.
उस समय वे घर में अकेली थीं.
उनके कमरे में जाते ही मैंने देखा कि भाभी सो रही थीं और उनकी साड़ी अस्त व्यस्त थी.
उस वजह से उनकी हॉट बॉडी दिख रही थी.
मैंने भाभी को पहली बार इस तरह देखा था.
तब मैंने भाभी को उठाया तो वह हड़बड़ा कर उठीं और अपनी साड़ी ठीक करने लगीं.
मैं उन्हें देखने लगा.
भाभी मस्त माल लग रही थीं.
तभी उन्होंने मेरी तरफ देखा और बोलीं- क्या हुआ?
मैंने उन्हें कोई जबाव नहीं दिया बस उनके मम्मों को देखता रहा.
उन्होंने मुझे इस तरह से घूरते हुए देख कर जोर से कहा- क्या हुआ?
मैंने अचकचा कर उन्हें बताया कि आपका फोन है.
उन्होंने फोन ले लिया और अपने फोन से फोन लगाने की कह कर मुझे मेरा फोन वापस दे दिया और मैं उनकी बात करवा कर तुरंत वापस आ गया.
उस दिन के बाद से कुछ ऐसा मन बदला कि भाभी मुझे चोदने लायक माल लगने लगीं और उनकी नजरों में भी कुछ फरक आ गया था.
वे भी मुझे मुस्कुराकर बात करने लगी थीं.
अब मैं भाभी जी से थोड़ी थोड़ी बातें कर लिया करता था.
एक दिन मैं बाजार जा रहा था तो भैया ने कहा- अपनी भाभी को भी साथ ले जा, ये भी कुछ सब्जी वगैरह ले आएगी.
मैंने ओके कहा और अपनी बाइक बाहर निकाल कर भाभी के आने का इंतजार करने लगा.
एक मिनट बाद भाभी बाहर आईं और गांड उचका कर मेरे पीछे बैठ गईं और हम दोनों बाजार की ओर चल दिए.
रास्ते में मैं जानबूझ कर ब्रेक लगा रहा था, जिससे भाभी की चूचियां मेरी पीठ से टकराने लगीं और मेरा लंड बेकाबू होने लगा था.
उनके मम्मों के स्पर्श से मेरा लंड हर पल टाइट हो रहा था.
पर मैंने अपने आपको सम्भाला और उनके साथ अपनी खरीदारी करके बाजार से वापस आ गया.
अगले दिन भैया घर से बाहर थे.
उनका फिर से फोन आया कि भाभी से बात करा दे.
उस समय भाभी बाथरूम में थीं.
मैं गया और मैंने भाभी को आवाज लगाई.
उन्होंने कहा- एक सेकंड बाहर ही रुको, मैं बाहर आ रही हूँ.
मैं उनका इंतजार करने लगा.
भाभी उस वक्त अपने शरीर पर केवल एक तौलिया बांध कर बाहर निकलीं.
उनके बाहर आते मैंने उन्हें देखा और भेजा भक्क से उड़ गया.
मैंने भाभी को पहली बार इस स्थिति में देखा था.
क्या जबरदस्त माल लग रही थीं यार … मेरे लौड़े ने तो हाहाकार मचा दी थी.
उनका साइज़ 34-30-38 का था.
मैं उन्हें यूं देख कर पागल हो गया.
वे उधर ही मुझसे फोन लेकर भैया से बात करने लगीं और मैं उन्हें ताड़ने लगा.
भाभी ने भी मुझे ताड़ते हुए देख लिया था … पर वे मुझ पर मानो ध्यान ही नहीं दे रही थीं.
वे बस भैया से बात करने में लगी थीं.
उनकी संगमरमारी जांघें एकदम नंगी थीं और ऊपर आधी चूचियां तौलिया से कसी होने के कारण मस्त फूली हुई दिख रही थीं.
मैं सोचने लगा कि भाभी चाहती तो बाथरूम से कह सकती थीं कि मैं दो चार मिनट बाद फोन लगा लूँगी.
मगर उन्होंने ऐसा नहीं कहा और वे सिर्फ एक तौलिया लपेट कर बाहर आ गईं.
इसका मतलब ये है कि भाभी के मन में मेरे लिए कुछ चल रहा है.
अब मैं भाभी को चोदने का बहाना खोजने लगा.
फोन कटने के बाद भाभी ने मुझे फोन वापस दिया और कंटीली नजरों से देखने लगीं.
मैंने भी भाभी को लाइन मारना शुरू कर दिया.
अब मैं जब भी बाथरूम में नहाता तो हमेशा दरवाजा खुला रख कर नहाता.
एक दिन मैं अपने कमरे में लेटा था और पोर्न देखते हुए अपने लौड़े को सहला रहा था.
तभी भाभी अचानक से अन्दर आ गईं और उन्होंने मुझे लौड़े को सहलाते हुए देख लिया.
मैं सकपका कर खड़ा हो गया और मोबाइल को जल्दी से बंद कर दिया.
पर मेरा लंड एकदम खड़ा था.
जिसे भाभी ने देख लिया था.
मैं भाभी को देखकर शर्मा गया तो मैंने उनसे सॉरी कहा.
वे कुछ नहीं बोलीं बस मेरे खड़े लंड को देख कर वापस चली गईं.
उस दिन भाभी को घर में अकेले रहना पड़ गया था.
शाम को भैया ने जाते वक्त मुझसे कहा- तुम सोने के लिए मेरे घर में चले जाना.
मैं खाना खाकर भाभी के पास सोने के लिए चला गया.
उनके कमरे में बैठ कर मैं टीवी देखने लगा.
भाभी खाना खाकर कमरे में आईं और हम दोनों बात करने लगे.
अचानक से बरसात चालू हो गई.
भाभी ने कहा- मैंने छत में गेहूँ सूखने डाला था, पर उठाना भूल गई.
हम दोनों तुरंत छत की ओर दौड़े और सारी छत पर फैले हुए गेंहू को समेट कर अन्दर रखा.
पानी चूंकि बहुत तेज बरसने लगा था जिससे हम दोनों ही भीग चुके थे.
भाभी के भीगे हुए कपड़ों में से उनका हॉट शरीर साफ़ साफ़ दिख रहा था.
सब काम निबटा कर हम दोनों नीचे उतरकर कमरे में आए.
भाभी ने कहा- तुम्हारे कपड़े गीले हो गए हैं, बदल लो.
मैंने भी भाभी से कहा- भाभी आप भी चेंज कर लो.
मैं अपने कपड़े उतारने लगा और उस वक्त केवल एक तौलिया लपेट कर खड़ा था.
भाभी भी अपनी ड्रेस चेंज करने लगीं.
उन्होंने साड़ी ब्लाउज वगैरह उतार कर एक नाइटी पहन ली थीं.
थोड़ी देर बाद भाभी ने कहा- मेरी तो कमर में दर्द होने लगा है. मैं इतनी जल्दी जल्दी काम कर रही थी और छत से गेहूँ की बोरी को उठाकर लाई हूँ. तभी से मेरी कमर का बाजा बज गया है.
मैंने मौका देख कर भाभी से बोला- यदि आपको ज्यादा दर्द है भाभी, तो क्या मैं आपकी मालिश कर दूँ?
वे मना करने लगीं.
मैंने उनसे जिद करते हुए कहा- इसमें कोताही नहीं बरतिए भाभी जी. मैं आपकी कमर में गर्म तेल लगा कर मालिश कर देता हूँ.
वे मालिश के लिए मान गईं.
मैं जल्दी से उनकी रसोई से तेल गर्म करके एक कटोरी में ले आया.
मैंने भाभी से कहा- आप लेट जाएं.
वे लेट गईं लेकिन कमर पर मालिश कैसे हो.
क्योंकि उनकी नाइटी को हटाए बिना मालिश कैसे की जा सकती थी.
मैंने कहा- भाभी यदि आप नाइटी को उतार देंगी या ऊपर कर देंगी, तभी तो मैं आपकी मालिश कर पाऊंगा!
भाभी ने कुछ नहीं कहा बस वे उठ कर बैठीं और उन्होंने मेरे ही सामने बिना किसी हिचक या संकोच के अपनी नाइटी को उतार दिया.
अब भाभी मेरे सामने ब्रा और पैंटी में थीं.
मैं तो उनके मादक जिस्म को टू पीस में देख कर संयम ही नहीं कर पा रहा था.
मेरे लौड़े ने तौलिये में अपनी औकात दिखानी शुरू कर दी थी.
भाभी मेरे लंड को देखती हुई औंधी लेट गईं.
मैं भाभी की जांघों के पास बैठ कर उनकी पीठ की मालिश करने लगा.
क्या बताऊं दोस्त … उनको पहली बार ऐसे छूने से मेरा लंड एकदम टाइट हो गया था.
मैं भाभी की चिकनी देह की मालिश करते करते उनकी गांड को भी दबा दे रहा था.
कुछ देर बाद मैंने भाभी से कहा- भाभी, आप अपनी ब्रा को भी खोल दीजिए, जिससे मैं आपकी अच्छे से मालिश कर सकूँ.
भाभी मान गईं और उन्होंने मुझसे ब्रा का हुक खोलने की कह दी.
मैंने उनकी ब्रा का हुक खोल दिया और फिर से उनकी पीठ की मालिश करने लगा.
कुछ देर बाद मैंने भाभी से कहा- भाभी, आप पलट जाइए.
वे झट से पलट गईं.
अब उनके दूध पूरे नंगे हो गए.
भाभी को ऐसे देखकर मैं शर्मा गया.
भाभी ने कहा- शर्मा क्यों रहा है, पहले कभी किसी के दूध नहीं देखे क्या?
मैंने कहा- नहीं.
भाभी बोलीं- चल अब शर्माना छोड़ और मेरी चूचियों की भी मालिश कर दे.
मैंने अपने हाथ बढ़ाए और भाभी की चूचियों पर अपने हाथ रख दिए.
मुझे भाभी की नशीली आंखें चुदाई का निमंत्रण देती हुई दिख रही थीं.
मैं भी उन्हें वासना से देखता हुआ उनकी चूचियों की मालिश करने लगा.
मेरा लंड एकदम कड़क हो गया था और तौलिये में ही पर्वत बनाने लगा था.
भाभी ने लंड देख लिया और बोलीं- ये क्या है प्रकाश?
मैंने कहा- क्या बताऊं भाभी, जब से आपको देखा है … तो टाइट हो गया है.
भाभी जी हंसने लगीं और बोलीं- तुमने कभी सेक्स किया है?
मैंने कहा- नहीं भाभी. मैंने किसी को नंगी तक नहीं देखा है तो सेक्स तो दूर की बात है. मैं जानता ही नहीं हूँ कि सेक्स कैसे किया जाता है!
भाभी ने कहा- चलो, फिर मैं आज तुम्हें सिखाती हूँ.
उन्होंने तुरंत हाथ बढ़ा कर मेरे तौलिये में से मेरे लंड को बाहर निकाल लिया और मुँह में लेकर चूसने लगीं.
मैं भी भाभी का साथ देने लगा और उनके मम्मों को दबाने लगा.
भाभी ने कुछ ही देर में अपनी पैंटी निकाल दी और गर्म चूत दिखाने लगीं.
हम दोनों बिल्कुल नंगे हो गए थे.
भाभी ने तुरंत पोजीशन सैट की और मेरे लौड़े के ऊपर टांगें खोल कर लेट गईं.
उन्होंने मेरे खड़े लंड को पकड़ कर अपनी चूत में रगड़ा और अन्दर डाल लिया.
वे लौड़े पर बैठती चली गईं और नंगी भाभी की गर्म चूत में लंड जाते ही उनके मुँह से आह आह की मादक आवाज निकली.
लौड़े पर बैठ कर भाभी मेरे सीने से अपने सीने को लगा कर लेट गई थीं.
मैं भी गांड उठा कर नंगी भाभी की गर्म चूत में अपना लंड अन्दर बाहर करने लगा.
हमारी धकापेल चुदाई होने लगी.
कुछ मिनट भाभी को चोदने के बाद मेरा पानी निकलने वाला हो गया था.
मैंने उन्हें बताया तो भाभी ने मेरे लंड को चूत से निकाल और नीचे को सरक कर अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगीं.
मैंने अपना पूरा माल भाभी के मुँह में ही छोड़ दिया.
उस दिन मैंने भाभी को चार बार चोदा.
भाभी ने बताया कि भैया उनको ज्यादा टाइम नहीं देते और बहुत जल्दी झड़ जाते हैं.
अगले दिन हमने बाथरूम में जमकर चुदाई की.
अब जब भी हम दोनों को मौका मिलता, तब हम चुदाई कर लिया करते थे.
मेरा लंड भाभी को बहुत अच्छा लगने लगा था.
तो दोस्तो, आपको मेरी नंगी भाभी की गर्म चूत की कहानी कैसी लगी, प्लीज बताएं.