हेलो दोस्तों मेरा नाम कविता है। मेरी हाइट 5 फुट 8 इंच है और मेरा रंग गोरा है। मेरे बूब्स काफी बड़े हैं जो दिखने में काफी खूबसूरत लगते हैं। में जहाँ भी जाती हूँ वहाँ सब लोग मेरे बूब्स की तरह ही देखते रहते हैं।
अब मैं अपनी कहानी पर आती हूं। मेरी शादी को अभी सिर्फ 3 महीने ही हुए थे और मैं बक्सर के लिए एक महीना अपने मायके में रुकने वाली थी।
यहां मेरी एकलौती सहेली थी जिसका नाम पूछा था और हम दोनों हमेशा साथ में ही को ले जाया करते थे।मैं उसी से मिलने के लिए उसके घर की तरफ चली गई और मैंने अपने मां-बाप को भी बोल दिया कि मैं शाम के पहले घर आने वाली नहीं हू।
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जब मैं वहां पर गई तो मेरी सहेली पूजा का बड़ा भाई सुभाष सोफे पर बैठा हुआ था और अपनी फोन में कुछ काम कर रहा था।
जैसे ही उसने मुझे देखा हूं सोफे पर से खड़ा हो गया। मैंने उससे पूछा कि पूजा कहां है तो कुछ देर के लिए भी चुप हो गया और फिर उसने बताया कि वह अंदर कमरे में है।
जैसे कि मैंने आपको पहले भी बताया था मैं हमेशा उसके घर जाया करती थी इस वजह से बिना कोई सवाल क्यों नहीं जल्दी से पूजा के कमरे की तरफ चली गई।
लेकिन जैसे ही मैं कमरे के अंदर गई पूरा कमरा खाली था। पूजा कमरे के अंदर नहीं थी। जैसे ही हैरानी से मैंने पीछे की तरफ देखा तो सुभाष कमरे के अंदर आ गया था।
मैंने गुस्से में उसकी तरफ देखा और पूछा कि तुम क्या कर रहे हो तो उसने हंसते हो मेरी तरफ अपने कदम बढ़ा ने लगा।
मुझे महसूस हुआ कि वह कुछ गलत काम करने वाला है इसलिए मैं भी पीछे-पीछे जाने लगे लेकिन उससे झटके से मेरा हाथ पकड़ा और अपनी तरफ खींच लिया और मुझे उसने जोर से गले लगाते हुए कहने लगा।
” मेरी जान आज मैं तुम्हें यहां से जाने नहीं दूंगा। तुझे नहीं पता तुझे देखकर कितनी बार अपने मुठ मारी है। जब आज तो मेरे हाथ लगी है तो आज मैं तुझे बिना चोदे यहां से जाने नहीं दूंगा।”
मेने उससे दूर होने की बहुत कोशिश की लेकिन वह हमेशा जिम जाने वाला 6 फीट का हट्टा कट्टा नौजवान था। उसने मुझे कस के गले लगाया और बड़ी ही आसानी से अपनी गोद में उठाकर अपने कमरे की तरफ ले जाने लगा।
मैंने चेक ते हुए उसे कहा कि यह तुम क्या कर रहे हो अगर कोई आ गया तो वह क्या कहेगा लेकिन उसने बड़ी ही आसानी से जवाब दे दिया कि 2 दिन के लिए घर में कोई नहीं है सब लोग शादी के लिए बाहर गए हैं वह घर में अकेला है।
यह सोचकर मेरी जान हलक में अटक गई। उसने मुझे अपने कमरे में ले जाकर बेड में पटक दिया और कमरे को अंदर से बंद कर दिया। इससे पहले कि नहीं उठती हो मेरे ऊपर झपट पड़ा और मुझे हर जगह से छूने लगा।
वह जोर-जोर से मेरे स्तनों को दबाने लगा और साथ में कहने लगा।
” मेरी जान मेरी रानी तू क्या जानती है कि मैं तुमसे कितना प्यार करता हूं। थोड़ी देर हो गई कि तेरी शादी हो गई वरना तू आज मेरी बीवी होती तुझे रोज चोदता।”
मैंने उसे बहुत मेहनती के कि वह मुझे छोड़ दें लेकिन उसने मेरी बात नहीं मानी और उसने झटके से मेरे टॉप को उतार कर फेंक दिया।
मैंने अपने हाथों से अपने बूब्स को छुपाने की कोशिश की लेकिन उसने एक झटके से मेरे हाथों को पकड़ा और मेरी ब्रा को मुझ से अलग करके फेंक दिया।
मेरे दोनों बूब्स उसके सामने नंगे हो गए और यह देखकर वह पागलों की तरह उसे चूसने लगा। वो मेरे निप्पल को मुंह में लगाकर चूस रहा था और दूसरे निप्पल को हाथ से दबा रहा था और अपना दूसरा हाथ वह मेरे पेट पर घूम रहा था।
उसने काफी देर तक मेरे निप्पल को बारी-बारी चूसना शुरू कर दिया और फिर मैं तेरे दिल मेरे पेट पर आ गया और उसे बेतहाशा चूमने लगा।
मै छूटने की कोशिश तो कर रही थी लेकिन मैं जानती थी कि वह मुझ से कई गुना ज्यादा ताकतवर है और मैं उसके सामने कुछ भी नहीं कर सकती थी।
उसने एक ही झटके में मेरा कोई जाने का नारा खोल दिया और निकर को भी उसके साथ निकाल कर दूर फेंक दिया।
आप भी उसके सामने पूरी तरह से नगी थी।मेरे नंगे बदन को देख कर मुझसे पागल हो गया हूं जल्दी-जल्दी अपने कपड़े उतारने लगा।
उसका मैं इसका बड़ा लंड देखकर मेरी हालत खराब हो गई क्योंकि मेरे पति का तो सिर्फ सात इंच का ही है जो भी मुझे लेने में काफी परेशानी होती है फिर इसका तो 9 इंच का था।
इससे पहले कि मैं कुछ समझ पाते वह जल्दी से मेरे पेरो के बीच में आ गया। उसने अपनी जुबान मेरी चूतड़ों पर घुमाने लगा।
वह मेरी चूत के अंदर अपनी जुबान अंदर बाहर अंदर बाहर करने लगा और ऐसे खाने लगा जैसे कि वह कोई आइसक्रीम हो।वैसे तो मैंने अपने पति के सिवा किसी और को खुद को छूने भी नहीं दिया था लेकिन आज मुझे पता नहीं क्यों बहुत ज्यादा मजा आ रहा था।
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मैं जोर से आहा आहा की आवाज करने लगी। वह कई जन्मों का भूखा हो वैसे मेरी चुत को चाटने लगा।
मुझे उसका इस तरह से चाटना बहुत अच्छा लग रहा था। वह लगातार अपनी सुभान अंदर बाहर कर रहा था और मैं अपनी आंखें बंद करके उसके जुबान को अपने अंदर महसूस कर रही थी।
उसने आधे घंटे तक अपनी जुबान से मेरी चुदाई की। साथ साथ में वह अपने दांतो से मिल चूत को काट भी रहा था। जोर जोर से आवाज करने लगी और उससे कहने लगी।
“आह आह सुभाष छोड़ो मुझे मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा मैं अब हम नहीं सह सकती।”
लेकिन वह भी ना रुके अपनी उंगली मेरी चुत के अंदर डाल रहा था और उसे चाट रहा था। जोर-जोर से चिल्ला रही थी”
“आआआआऊऊऊऊऊआआआआ”
“सुभाष और जोर से करो और जोर से करो आहआआआआआ”
जैसे जैसे मैं चिल्ला रही थी वैसे वैसे उसकी स्पीड भी बढ़ रही थी। मैंने अपने दोनों हाथों से उसका सर पकड़ लिया और जोर जोर से चिल्लाने लगी।
“आआआआहहहह जान क्या क्या कर रहे हो आज मुझे मारने का इरादा है क्या?”
मेरी बात सुनकर उसने अपना सर ऊपर किया और मेरी छाती को जोर जोर से दबाने लगा। उसने अपना चेहरा मेरे नजदीक लाकर मैं सुबह से मेरे गाल और गले को चाटते हुए कहने लगा।
” तू नहीं जानती मेरी जान तेरे लिए कितना तड़पा हूं। आज मुझे जो करना है वह कर लेने दे क्योंकि आज तु सिर्फ मेरी है और तेरा ये जिस्म सिर्फ और सिर्फ मेरा है।”
कहते हुए वह मेरे ऊपर से उठा और अपनी कबर्ड के पास चला गया।उसने अपने कबर्ड में से एक रबड़ का खिलौना बाहर निकाला जो दिखने में एकदम किसी इंसानी लंड की तरह दिखाई दे रहा था।
उसको देख कर मैंने लंबी-लंबी सांसे लेते हुए पूछा।
” जानू यह क्या है?”
उसने उस रबड़ के खिलौने को हिलाते हुए कहा।
” पांचवी तुझे हर तरह से मजा देना चाहता हूं मेरी हुस्न परी।”
कहते हुए उसने उस खिलौने को मेरी चुत के अंदर डाल दिया। उसके अंदर जाते ही मेरे अंदर एक करंट दौड़ गया मैं कराहने लगी।
” आआआआऊऊऊऊऊआआआआ क्या है यह?”
उसने मेरे होठों को चाटते हुए कहा।
” क्या हुआ मेरी जान मजा नहीं आ रहा है क्या?”
अचानक उस खिलौन को मेरे अंदर जाते ही मेरी कमर ऊपर नीचे हो रही थी। मैंने तड़पती हुई आवाज म कहा
” आआआआऊऊऊऊऊआआआआ
आआआआऊऊऊऊऊआआआआ। बहुत मजा आ रहा है। इतना मत मुझे तब भी नहीं आया जब मेरे पति मुझे रोज चोदते हैं।”
उसने हंसते हुए मेरी तरफ देखा और कहा।
” यह तो सिर्फ शुरुआत है मेरी जान अब देखो मैं क्या करता हूं।”
कहते हुए उसने उस खिलौने का एक बटन दबाया। वह बटन दबाते ही खिलौना मेरी चुत के अंदर जोर-जोर से हिलने लगा। वह इतनी जोर से वाइब्रेट कर रहा था कि मेरी कमर ऊपर नीचे हो रही थी और मैं चिल्ला रही थी।
” आआआआऊऊऊऊऊआआआ
आआउउउउउउउउउचचचचचच
मममममरररररर गगगगईईईईईई।”
सुभाष मुझे देखकर हंसने लगा और उसने अपनी उंगली में मुह के अंदर डाली और अंदर बाहर करने लगा। मेरा चलाना तो बंद हो गया था लेकिन मेरी पूरी बॉडी ऊपर नीचे हो रही थी।
उसने इसी तरह से आधे घंटे तक मिल बॉडी को तड़पाए और फिर उसने डिलडो को वहां से निकलना और मेरे ऊपर लेट गया।उसने मेरे दोनों पैरों को अलग किया और जोर से अपने लंड को मेरे अंदर डाल दिया।
मुझ को चूसते अपने लंड को मेरे अंदर बाहर कर रहा था। लंड मेरे अंदर था और उसके दोनों हाथ मेरे बूब्स को प्रेस कर रहे थे। उसकी जुबान मेरी जुबान के साथ खेल रही थी।
उसने 2 घंटे तक मेरी चूत को मिलता रहा। जब मुझे लगा कि अब वह में पानी छोड़ने वाला है तो उसने अपने लंड को बाहर निकाला और वापस वही तो मेरे अंदर डालकर बटन प्रेस कर दिया।
मैं वापस तड़पने लगी।
” आआआआआआआ हहहहहहहह
चोचोचोचोदोदोदोदो मुमुमुमु जेजेजेजे
ओर और ओर और आआआआ ईईईईईईई”
आधे घंटे तक दिशा करने के बाद उसने वापस डीडो को बाहर निकाला और वापस मेरे ऊपर आ गया और फिर से मेरी चुदाई करने लगा।
5 घंटे तक लगातार इसी तरह की चुदाई के बाद उसने मुझे छोड़ दिया। चुदाई के बाद भी आधे घंटे तक अपने लंड को मेरी चुत के अंदर डाले हुए ही सोता रहा।
जब अंधेरा छाने लगा तो वह मुझसे अलग हुआ और मेरे कपड़ों को मेरी तरफ से आते हुए कहने लगा।
” आज से तू मेरी रंडी है। आप जब भी मैं तुझे चोदने के लिए बुलाया करू तुझे आना होगा और मैं तेरी इसी तरह की चुदाई करूंगा।
मैंने लंबी लंबी सांसे लेते हुए जवाब दिया।
” हां आज से मैं तेरी रंडी हूं और तू मेरा मालिक। जब भी मुझे चोदने के लिए बुलाएगा तेरे पास आ जाऊं गी।”
उसके बाद मैं वहां से चली गई लेकिन उसके पास कभी भी जब उसने मुझे बोला है मैं उसके पास जाती रही और उसने इसी तरह से मेरी जमकर चुदाई की।