कॉलेज टीचर सेक्स कहानी में मेरे कॉलेज की लेक्चरर कॉलेज में ही मुझसे चुद गयी. उस दिन बारिश के कारण हम दोनों देर तक रुक गए थे. सब लोग जा चुके थे.
आज से कुछ साल पहले जब मैं मुंबई में अपने कॉलेज में पढ़ रहा था, यह कॉलेज टीचर सेक्स कहानी उस वक्त की है.
उस वक्त वहां पर मुझे एक मैडम बहुत पसंद थीं.
उनका नाम समीरा हुसैनी था. समीरा मैडम की उम्र 32 साल की थीं. वे बहुत हॉट और सेक्सी माल दिखती थीं. वे सच में बहुत ही ज्यादा खूबसूरत थीं.
मैडम का फिगर 34-32-36 का था. उनके मादक फिगर को देख कर हर लड़के का लंड खड़ा हो जाता था. एक दिन बारिश बहुत तेज हो रही थी. कॉलेज से सारे स्टूडेंट्स जा चुके थे.
मुझे कॉलेज में कुछ काम था तो मैं कॉलेज में ही रुका हुआ था. बारिश के दरमियान ही मैं टीचर्स रूम की तरफ जा रहा था कि मुझे एक आवाज़ आई.
मैडम- जरा सुनो!
मैं- यस मैडम!
एक नजर Kuwari Ladki Ki Chudai पर भी डालो।
मैडम- तुम इतनी देर तक कॉलेज में क्या कर रहे हो?
मैं- मैडम जी मुझे लाइब्रेरी से कुछ बुक लेनी थीं, उसी वजह से मुझे देर हो गई है.
मैडम- अच्छा, मेरा एक काम करोगे!
मैं- जी मैडम, बोलिए!
मैडम- अभी बहुत तेज बारिश हो रही है. जब तक बारिश रुकती नहीं है, तब तक मेरे लिए प्लीज़ यहीं पर रुक जाओगे?
मैं- हां मैडम, मैं रुक जाता हूँ.
शायद मैडम को बिजली कड़कने की आवाज से डर लगता था.
उस वक्त कोई दूसरी महिला टीचर कॉलेज में नहीं रह गई थीं, यह भी एक कारण हो सकता था.
फिर हम दोनों टीचर रूम में ही रुक गए थे.
बारिश देख कर भी लग रहा था कि यह आज मेरे फेवर में ही बरस रही है इसलिए वो रुकने का नाम ही नहीं ले रही थी.
तभी मैडम बोलीं- रियाज़, एक काम करते हैं. यहां से चलते हैं. आगे एक रूम है, जिसमें टीचर्स को रुकने के लिए बनाया गया है. तुम भी मेरे साथ वहीं पर चलो.
मैंने भी ‘ठीक है मैडम.’ बोल दिया और उनके साथ रूम तक जाने लगा.
यह एक गेस्टरूम था जो दूसरी तरफ था.
उसके लिए हमें खुले आसमान से होकर जाना पड़ा.
हम दोनों उधर तक जाते जाते पूरी तरह से भीग गए थे.
जब मैंने मैडम को साड़ी में भीगा हुआ देखा तो मेरे अन्दर एक अज़ीब सी बेचैनी होने लगी.
मुझे उस समय कुछ समझ नहीं आया, पर कुछ देर बाद मुझे समझ में आया कि यह मेरी अन्तर्वासना की आग थी जो मैडम को गीली साड़ी में देख कर जाग रही थी.
अब हम दोनों रूम में पहुंच गए.
मेरे नज़रें मैडम पर ही टिकी थीं.
वे पूरी तरह से भीग चुकी थीं.
उसी वजह से उनके टू बाई टू की रुबिया के झीने ब्लाउज में से लेस वाली ब्रा और ब्रा में अकड़ चुके उनके मम्मों के निप्पल साफ दिख रहे थे.
यह सब देख कर मेरा लंड खड़ा होने लगा.
मैडम ने भी ये बात नोटिस कर ली थी और वे मुँह छिपा कर हल्का हल्का सा मुस्कुराने भी लगी थीं.
कुछ देर बाद मेरी कसमसाहट देख कर मैडम बोलीं- रियाज़ तुम एक काम करो, बाहर जाकर खड़े हो आओ.
मैंने कहा- क्यों मैडम?
वे बोलीं- अरे पागल, मैं पूरी तरह से गीली हूँ. मुझे अपने कपड़े सुखाने हैं. अब मैं तुम्हारे सामने तो कर नहीं सकती हूँ ना … इसलिए प्लीज बाहर चले जाओ.
मैंने उनकी बात मान ली और बाहर चला गया.
अब मेरे मन में एक ख्याल आ रहा था कि मैडम तो बहुत सेक्सी हैं. वे बिना कपड़ों के कैसी लगेंगी. क्यों ना उन्हें नंगी देखा जाए.
कुछ देर की ऊहापोह के बाद मैंने मन पक्का किया और रूम के गेट को थोड़ा सा खोलकर झांका.
मैंने देखा कि मैडम अपने सारे कपड़े उतार चुकी थीं और पूरी नंगी खड़ी थीं.
मैडम बहुत हॉट लग रही थीं.
उनकी तनी हुई चूचियां देख कर मेरा लंड तो पूरा खड़ा हो गया था.
मैं अपनी सुधबुध खो बैठा था. मुझे होश ही नहीं था कि मैडम मुझे देख लेंगी और वे क्या कहेंगी.
इतने देर में मैडम ने मुझे देख लिया और तेज आवाज में चिल्लाती हुई बोलीं- रियाज़, ये क्या कर रहे हो … शर्म नहीं आती तुम्हें … इतना गंदा काम करते हो?
उनकी दहाड़ सुनकर मेरा पूरा दिमाग हिल गया था कि अब क्या करूं और क्या न करूँ.
मैं मैडम से माफी मांगते हुए बोलने लगा- प्लीज़ मैडम सॉरी … ऐसा दुबारा नहीं होगा. प्लीज आप किसी से कहना नहीं. ये ग़लती से हो गया … माफ़ कर दो प्लीज़.
मेरी घिग्गी बंध गई थी. जीवन में इतना भय कभी नहीं लगा था, जितना आज लग रहा था.
मैडम की कड़क आवाज पुन: गूंजी- ये ग़लती है?
मैं उन्हें नंगी देखते हुए अपनी आंखों पर हाथ रख कर कहने लगा- सॉरी मैडम माफ़ कर दो. आप जो कहेंगी … मैं वो करूंगा … प्लीज इस बार माफ़ कर दो.
इतनी देर में न जाने कैसे, मेरा भय कुछ कम हो गया था.
मेरे दिमाग में मुझे एक बात और भी कौंधी कि मैं तो मैडम को नंगी न देखने के लिए अपनी आंखों पर हाथ रख रहा हूँ और ये खुद को ढकने के लिए जरा सा भी प्रयास नहीं कर रही हैं.
यह विचार आते ही मेरा साहस बढ़ गया और मैं समझ गया कि मैडम के मन में भी कहीं न कहीं कुछ बात है.
इतने में मैडम ने कहा- एक बार फिर से सोच ले कमीने, जो मैं बोलूँगी … वो तू करेगा … और ये सब इधर देख कर कुबूल कर!
ये सुनकर मैंने नजरें उठाईं और मैडम के खूबसूरत हुस्न को निहारना शुरू कर दिया.
फिर मैंने कहा- जी मैडम, आप कहें मुझे क्या करना होगा?
मैडम ने अपनी टोन बदल दी और अपनी कमर पर दोनों तरफ हाथ रख कर बोलीं- हां तो बता, क्या देख रहा था तू साले!
मैं उनकी तनी हुई चूचियों के निप्पल देखने लगा.
मेरा लंड जो बैठ गया था, वापस खड़ा होने लगा.
मैडम- मेरी चूत और बूब्स चोदना चाहता था ना … मुझे सब मालूम है!
अब मैंने ड्रामा किया- नहीं मैडम जी.
मैडम ने सड़क छाप भाषा अख्तियार करते हुए कहा- चल साले अन्दर आ भोसड़ी के … और चोद कर दिखा. मैं भी तो देखूँ कि कितना बड़ा मादरचोद है तू!
मैं अपने लौड़े को सहलाते हुए बदले हुए स्वर में बोला- अरे मैडम, माफ़ कर दो मुझे … मैं आपके साथ कुछ नहीं करना चाहता हूँ.
मैडम बोलीं- अब तो तू मुझे आज चोद कर रहेगा या बता कि मैं किसी को बुलाऊं और बोलूँ कि तू मेरे साथ जबरदस्ती कर रहा था!
मैं- नहीं मैडम ऐसा मत करो प्लीज़.
मैडम- मुझे अपनी चूत की प्यास बुझवानी है तुझसे साले. आ जा नजदीक कमीने … वैसे भी मैं तुझे कबसे नोटिस कर रही थी कि तू मुझे घूरता था. अब जब मौका मिल रहा है, तो शरीफ़ बन रहा है हरामी. चल जल्दी से अन्दर आ … और मेरी चूत की प्यास बुझा दे.
मैं अन्दर आ गया और दरवाजे को बंद कर दिया.
मुझे अन्दर आते देख कर मैडम बिस्तर पर लेट गई थीं और दोनों टांगें फैला कर अपनी चूत सहलाती हुई बोल रही थीं- जल्दी से आ साले, क्या पैरों में मेंहदी लगाई हुई है?
मैं बिस्तर के करीब जाकर उन्हें देखने लगा.
मैडम में झटके से मुझे खींचा और मेरे मुँह पर अपनी चूत रख कर बोलीं- ले साले, चाट मेरी बुर को मादरचोद.
यह कह वे मेरे मुँह में अपनी बुर रगड़ने लगीं और अन्दर घुसेड़ने लगीं.
मैं भी उनकी चूत के दाने को अपने होंठों में दबा कर खींचने लगा, चूत के अन्दर जीभ डाल कर चाटने लगा.
कुछ देर बाद मैडम मेरे मुँह से हट गईं और कपड़े उतार कर मेरे लंड को देखती हुई बोलीं- मादरचोद, तेरा लंड तो बहुत बड़ा है.
मैंने भी कहा- क्यों डर गईं क्या … ले पाओगी ना अपनी भोसड़ी के अन्दर!
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वे बोलने लगीं- साले, तुझे मेरी चूत भोसड़ी दिख रही है. इसी छेद के लिए सारे कॉलेज के लौंडे और टीचर्स लंड हिलाते घूमते हैं. अब तू ज्यादा बकचोदी ना कर … आजा और चढ़ जा अपनी मास्टरनी के ऊपर.
मैंने कहा- हां सही कह रही है रांड साली … अभी तुझे मेरे जैसे मर्द ने चोदा ही कहां है कुतिया. आज तेरी चूत का भोसड़ा न बनाया तो कहना रंडी.
मेरे मुँह से ऐसी भाषा सुनकर मैडम खुश हो गईं और बोलीं- अब रंग गया है तू मेरे रंग में … अब तुझसे चुदने में डबल मजा आएगा.
मैंने कहा- चल आ जा मेरी जान … मेरे लौड़े को चूस कर इसे चिकना बना दे.
फिर मैडम ने मेरे लंड चूसना शुरू कर दिया.
मैडम- उऊँ अया क्या मस्त लंड मिला है आज मुझे चूसने को … मज़ा आ गया.
मैं- क्यों आपके हज़्बेंड का लंड मस्त नहीं है क्या?
मैडम- साला दो मिनट में ही झड़ जाता है. तू अब चोदना शुरू कर. पता नहीं तेरा भी कितना देरी तक टिक पाएगा.
मैं- मैडम चूत को देख कर लगता है कि मैं इसे पूरी रात चोदूंगा.
वे हंस दीं और बोलीं- चल अब चढ़ जा.
मैंने मैडम को किस करना शुरू कर दिया और उनकी चूचियों को सहलाना मसलना चालू कर दिया.
वे धीरे धीरे गर्म होने लगीं और आहें भरती हुई बोलीं- कब तक तड़फाओगे … अब चोद भी दे.
मैंने अपना लंड उनकी बुर में सैट किया और एक जोरदार धक्का दे दिया. जिससे मेरा आधा लंड अन्दर चला गया.
मैडम पूरी तरह तड़फ उठीं और तेज आवाज में चीख पड़ीं.
उन्होंने अपने दोनों हाथों से बिस्तर की चादर को पकड़ लिया और कहने लगीं- आह बाहर निकालो … बहुत दर्द हो रहा है मुझे!
पर अब मैं कहां रुकने वाला था.
मैंने दूसरी बार फिर से एक जोरदार धक्का लगाया.
इस बार मेरा लंड पूरा अन्दर चला गया और वो कंपकंपा उठीं.
मैडम- अयाह उम्म … अम्मी मर गई … धीरे करो … साले ने फाड़ डाली मेरी चूत अयाह अम्मी रे!
मैं अब बहुत जोश में आ गया था और बिना रुके उन्हें चोदता चला गया.
वे चिल्लाती रहीं उनकी आंखों से आंसू निकलने लगे.
मैडम- धीरे से कर मर जाऊंगी. तेरा इतना बड़ा लंड लेते लेते मेरी चूत की अम्मी चुद गई हरामी.
उनका दर्द खत्म होने लगा था लेकिन तब भी लंड चूत के लिए मोटा मूसल जैसा था.
इसलिए मैंने भी अब धीरे धीरे चोदना चालू कर दिया.
फिर जैसे ही मुझे लगा कि अब वो मज़ा लेने लगी हैं तो मैंने उन्हें जोर जोर से चोदना चालू कर दिया.
अब मैडम को भी मजा आने लगा और वे मदमस्त आवाजों में मुझसे कहने लगीं- आह और जोर से चोद … और जोर से.
कुछ देर तक मैं मैडम को चोदता रहा.
फिर मैडम ने अपनी चूत से पानी छोड़ दिया.
इससे मेरे लंड को चिकनाई मिल गई और अब छप छप की आवाजें आने लगीं.
कुछ देर बाद मैं भी झड़ गया.
झड़ते ही मैं मैडम के बूब्स चूसने लगा और वो भी मज़े लेने लगीं.
ऐसे मैंने कॉलेज टीचर सेक्स का मजा लिया.
इसी तरह से मैडम दो बार और चुदीं.
वे चूत चुदवाती गईं और मैं चोदता गया.
फिर बारिश रुक गई और मैंने उन्हें बताया कि मैडम अब बारिश भी रुक गई है. हम लोगों को भी अब चलना चाहिए. यहां यदि किसी ने देख लिया, तो बहुत दिक्कत हो सकती है.
उन्होंने हां कहा और हम दोनों घर के लिए निकल गए.
मेरे साथ सेक्स करके मैडम को जो मज़ा आया था, वो मज़ा अब मैडम हर रविवार को लेने लगी थीं.
उनके पति को रविवार को अपनी कंपनी में काम पर जाना होता था, उन्हें सोमवार को छुट्टी मिलती थी.
दोस्तो, ये कॉलेज टीचर सेक्स कहानी आपको कैसी लगी, मुझे ज़रूर बताएं.