हॉट मौसी की चूत का मजा मुझे तब मिला जब मैं उनके बुलाने पर उनके घर रहने गया था.
मैं हमेशा से मौसी के सेक्सी बदन के बारे में सोचता रहता था. इस बार मौक़ा मिला.
मेरे प्यारे पाठको, मेरा नाम रोहित रॉय है.
मैं दिल्ली का रहने वाला हूं.
मेरी उम्र 27 साल है.
यह मेरी पहली चुदाई की कहानी है जिसमें मैं आपको मेरे और मेरी मौसी के
बीच में हुई चुदाई की सेक्स कहानी के बारे में आपको बताने जा रहा हूं.
मैं पिछले महीने जब मौसी के यहां गया था, यह तब की बात है.
मेरी मौसी बहुत सेक्सी और थोड़ी पतली हैं.
उन्हें देखकर ही मेरा हथियार खड़ा हो जाता था.
मौसी को चोदने का मेरा बहुत मन करता था लेकिन कभी मौका नहीं मिला था.
मैं जब भी मौसी को देखता था तो ऐसा लगता था कि अभी मौसी को पकड़ के साड़ी ऊपर करके यहीं पटक के चोद डालूं.
लेकिन एक दिन मुझे मौका मिल गया.
स्कूल की छुट्टिया थी तो एक दिन मौसी का कॉल आया और वे बोलने लगी- कभी अपनी मौसी को मिलने भी आ जाओ!
तो उससे दो तीन दिन बाद मौसी को मिलने चला गया.
जब मैं वहां पहुंचा, तब अंधेरा होने वाला था,
जैसे ही मैं गया, मौसी और सब भाई बहन सब खुश हो गये.
फिर रात का खाना खाने के बाद हम सबने इधर उधर की बातें की.
और उसके बाद सब सोने चले गए.
उस समय बाहर जोरदार बारिश हो रही थी, तूफान भी बहुत चल रहा था.
जैसे बाहर तूफान चल रहा था, वैसे ही मेरे मन में मौसी को चोदने का तूफान चल रहा था.
मौसा घर पे थे नहीं तो मेरे पास एक अच्छा मौका था।
तब मैं पीछे वाले कमरे से उठकर सामने वाले कमरे में आ गया जहां मौसी अकेली सो रही थी.
मैं मौसी को बोला- मुझे पीछे नींद नहीं आ रही है!
तब वे मुझसे बोली- ठीक है, यहीं सो जाओ.
फिर तो मैं वहीं सो गया.
तब मेरे मन में मौसी को चोदने के ख्याल आ रहे थे.
मौसी को चोदने के ख्याल मात्र से ही मेरा हथियार बहुत बड़ा हो गया था.
ऐसा लगता था कि अभी मौसी की साड़ी ऊपर करके उनकी चूत में मेरा हथियार डाल दूं।
लेकिन क्या करें … डर भी लग रहा था कि कुछ करने के बाद मौसी को बुरा लग जाए.
इसलिए मैंने खुद को बहुत कंट्रोल किया.
रात के करीब 12:30 बज गए थे.
बाहर अभी भी बहुत तूफान चल रहा था.
मैंने मौसी की तरफ देखा तो मौसी सो रही थी.
तब मैंने एक हाथ उठाकर उनके पेट पर रख दिया.
मौसी की कुछ प्रतिक्रिया नहीं आई.
तब मैंने मौसी के पेट को सहलाने शुरू कर दिया.
मुझे बहुत अच्छा लग रहा था.
इधर मेरा हथियार बहुत लंबा हो गया था; मेरे दिल की धड़कन बहुत तेज चल रही थी.
पेट को सहलाते हुए मैं मौसी की छाती के ऊपर हाथ फिराने लगा, मौसी के बूब्स मेरे हाथ में आ रहे थे.
ऐसा लग रहा था कि अभी ब्लाउज निकालकर इनको पी लो.
लेकिन सब्र रखना जरूरी था.
मैं धीरे-धीरे मौसी की साड़ी को एक पैर से पकड़ कर सरकाता गया.
मौसी की साड़ी पूरी जांघ तक आ गई थी. मुझे बहुत अच्छा महसूस हो रहा था.
जब साड़ी ऊपर तक आ गई, तब मैंने अपना हाथ मौसी की टांगों के ऊपर फेरना शुरू कर दिया.
उस समय मौसी की सांस जोर-जोर से चलने लगी थी.
मुझे भी समझ में आ गया कि मौसी जग रही हैं.
मैने इस बात का फायदा उठाया और मौसी की साडी ऊपर कर दी और उनकी पैंटी को अपने पैर की ऊँगली से निचे कर दी फिर
मैंने उनकी जांघों के ऊपर हाथ फेरते हुए थोड़ी देर तक उनकी जांघों को सहलाता रहा जिससे मौसी गरम होने लगी और फिर जोर जोर से सांस लेने लगी मने फिर मौसी की चूत में एक उंगली डाल दी और अंदर बाहर करने लगा.
मौसी की चूत से बहुत गर्म गर्म पानी आ रहा था.
अब मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा था, मौसी मेरी तरफ देखने लगी और हंसने लगी.
तो मुझे समझ में आ गया कि मौसी को भी वही चाहिए जो मुझे चाहिए.
मैंने मौसी को जोर से किस किया और अपनी ओर खींचा.
तब मौसी मेरा लंड अपने हाथ में लेकर सहलाने लगी.
मेरा लंड पहले से बहुत बड़ा हो गया था.
उन्होंने अपने हाथ से मेरी शॉर्ट नीचे की और मेरे पैरों की तरफ मुंह करके लेट गई और मेरे लंड को अपने मुंह में ले लिया.
मैंने भी मौसी की साड़ी को ऊपर करके उनकी चूत में अपनी जीभ डाल दी और उनकी चूत को चाटने लगा
वाह … क्या मजा आ रहा था!
मुझे खुद ही पता नहीं था कि कितना मजा आ रहा था.
मौसी का बहुत पानी निकल रहा था.
मैं उसको सब पी गया।
मौसी भी उसी समय जोर-जोर से मेरे लंड को चूस रही थी.
मुझे लंड चुसवाने में बहुत मजा आ रहा था.
अब मौसी गर्म हो गई थी पर हम दोनों उस रूम में कुछ नहीं कर सकते थे क्योंकि मौसी के बगल में उनकी बेटी सो रही थी.
इसलिए मौसी ने मेरे कान में धीरे से बोला- पीछे वाले कमरे में आ जाओ! मैं पहले चली जाती हूं; उसके 5 मिनट बाद तुम आ जाना!
मैं बोला- ठीक है.
उसके कुछ देर बाद मौसी चली गई.
और ठीक 5 मिनट बाद मैं मौसी के पीछे चला गया.
उस कमरे में कोई नहीं था.
मैंने जाते ही मौसी को जोर से पकड़ लिया और उन को किस करने लगा.
तभी मैंने मौसी की साड़ी को उनके जिस्म से खींच कर अलग किया.
फिर मैंने मौसी का ब्लाउज खोला, ब्रा ऊपर सरकाई और मैं उनकी चूचियों जोर-जोर से चूसने लगा.
मौसी भी बहुत गर्म हो रही थी.
तो मैंने एक हाथ से पेटीकोट उठाकर मौसी की चूत में उंगली डाल दी.
तभी मौसी बोली- रोहित, अब मुझसे नहीं रह जा रहा है. प्लीज अपना हथियार मेरी चूत में डाल दो ना
और मौसी जोर जोर से सिसकिया ले रही थी और अअअहहहहह अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह की आवाजे निकाल रही थी!
तब मैंने मौसी के पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया।
और मौसी ने मेरी शर्ट और बनियान खोल दी।
और मैंने तुरंत मौसी का पेटीकोट सरकाकर मौसी को पूरी नंगी कर दिया.
तभी मैंने मौसी को नीचे लिटा कर उनके पैरों को ऊपर करवाया और मेरा लंड मौसी की चुत के ऊपर बहुत जोर से रगड़ने लगा
तो मौसी जोर जोर से उम्म्म्म उम्मम्मम्मम्म अह्ह्ह्ह आअह्ह्ह्हहआ की आवाजे निकल रही थी और बोल रही थी
की रोहित अब जल्दी करो मुझसे रहा नहीं जा रहा जल्दी से अंदर डालो न।
जैसे ही मैंने अपना लंड मौसी की चूत में डाला … वे दर्द से चिल्लाने लगी.
तब मैंने अपने मुंह से उनका मुंह ब्लॉक कर दिया.
अब मैं मौसी को धीरे-धीरे चोद रहा था.
मौसी बोल रही थी- दर्द हो रहा है … धीरे-धीरे करो!
कुछ देर तक मैंने मौसी को मिशनरी आसन में चोदा, फिर मैंने उन्हें कुतिया की भांति घोड़ी बनाया।
तब मैंने अपनी सेक्सी मौसी को डॉगी स्टाइल चोदना चालू कर दिया.
मुझे बहुत … बहुत मजा आ रहा था.
मौसी भी मजे ले लेकर सिसकारियां भर रही थी- अह … अहा … उम्ह … सश्स हाहा!
पूरे कमरे में पच पच की आवाज आ रही थी.
उसके कुछ देर बाद मौसी ने मुझे बेड पर लेटने को कहा.
तब मौसी मेरे ऊपर आकर बैठ गई और मेरा लंड मौसी ने अपने हाथ से अपनी चूत में डाल लिया.
वे ऊपर से मेरे लंड के ऊपर कूदने लगी.
क्या बताऊं दोस्तो … बहुत मजा आ रहा था.
मैंने मौसी का ऐसा रूप पहले कभी नहीं देखा था.
वे बहुत सेक्सी दिख रही थी.
मौसी जैसे जैसे उछल रही थी तो उसके बूब्स ऊपर नीचे ऊपर नीचे हो रहे थे.
फिर मौसी नीचे उतर के लेट गई.
मैंने उनके पैरों को ऊपर करके लंड को उनकी चूत में डाल दिया और जोर जोर से चोदने लगा.
उनको बहुत मजा आ रहा था.
मुझे भी बहुत मजा आ रहा था.
मौसी धीरे धीरे मेरे कान में बोल रही थी- इतने दिन से कहाँ था?
मैं बोला- मुझे बहुत दिन से आपको चोदने की इच्छा हो रही थी लेकिन हिम्मत नहीं हो रही थी!
तो मौसी बोली- अभी चिंता मत करो … जब तुम्हारा मन करेगा, तब आ जाना. मैं तुम्हारे लिए ही हूं.
तब मेरा पानी निकलने वाला था.
मैंने जोर जोर से धक्के लगा कर मौसी की चूत में ही अपना वीर्य छोड़ दिया.
हम दोनों ने लगातार 30 मिनट चुदाई की थी.
इस लम्बी चूत चुदाई के बाद हम दोनों शांत होकर लेट गए।
मैंने मौसी को उस रात में चार बार अलग-अलग तरीके से चोदा.
मौसी ने 3- 4 बार अपना पानी छोड़ा होगा.
बहुत दिनों से मेरी मौसी को चोदने की इच्छा थी तो जैसे ही मौका मिला तो मैंने मौसी को बहुत बुरी तरीके से चोदा.
और मौसी को यह सब बहुत पसंद आया.
उस दिन के बाद से आज तक जब भी मैं छुट्टी जाता हूं तो अपनी मौसी को बहुत मजा देता हूं.
तो दोस्तो, आपको यह कहानी कैसी लगी यह जरूर बताना.
मेरी प्यारी आंटी और भाभियो, मुझे मेल पर रिप्लाई जरूर करना कि मैं और कैसे कैसे मौसी को चोद सकता हूं.
आप सब अपना अपना अनुभव मेरे साथ साझा करना.
मैं और एक कहानी जल्दी लेकर आऊंगा.
धन्यबाद।